राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विश्वेन्द्र सिंह ने कहा है कि उन्हें भरपेट खाना नहीं दिया गया और उन्हें उनके ही घर से बेदखल कर दिया गया है। सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर कहा है कि उन्हें भरण-पोषण के लिए 5 लाख रुपए दिए जाएं और पत्नी और बेटे से उनकी संपत्ति ले ली जाए।
पूर्व मंत्री के इन आरोपों को उनकी पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने झूठा बताया है और कहा कि विश्वेन्द्र सिंह ने सब कुछ बेच दिया है और अब केवल मोती महल बचा है।
मामला कोर्ट पहुंचा
62 साल के विश्वेंद्र सिंह ने मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट, 2007 के तहत एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर की है।
याचिका में उन्होंने कहा कि वह हार्ट के मरीज हैं और किसी भी तनाव को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। वह 2021 और 2022 में दो बार कोविड से संक्रमित भी हुए थे और उनकी पत्नी और बेटे ने कथित तौर पर उन्हें काफी परेशान भी किया है।
सिंह ने कहा कि उनके पास कई संपत्तियां हैं, जो उन्हें उनके पिता महाराजा कर्नल सवाई बृजेंद्र सिंह ने वसीयत के जरिए दी थीं। इनमें लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में फैला मोती महल शामिल है।
उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ सालों से उनकी पत्नी और बेटे ने उनके प्रति बगावत का रवैय्या अपना लिया है। कई बार उनके कपड़े दिए गए। कई जरूरी कागजात, रिकॉर्ड, फाइलें भी कुएं में फेंक दी गई और उनका जरूरी सामान भी गायब कर दिया गया। इसके अलावा गार्डों को निर्देश दिया गया कि वे क्षेत्र के लोगों को उनसे मिलने से रोकें। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया जाता और पहरा दिया जाता कि कोई मुझसे मिल ना ले।
अनिरुद्ध सिंह और उनकी मां ने क्या कहा?
अनिरुद्ध सिंह के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उनकी मां दिव्या सिंह ने कहा, ”पिछले 30 सालों में मेरे साथ क्या हुआ है, इस पर अगर मैं अपना मुंह खोलूं तो शायद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाएगा। अपनी मां की रक्षा करने वाला बेटा एक अच्छा बेटा होता है, उसने हर तरह से मेरे साथ अन्याय होते देखा है और वह मेरे साथ रहा है।”
दिव्या सिंह ने कहा,“हमें अपनी पैतृक संपत्ति की रक्षा करनी है। पूरा मामला तब शुरू हुआ जब मोती महल बेचा जा रहा था और हमने इसे बचाने की कोशिश की। उन्होंने (विश्वेन्द्र सिंह) सबकुछ बेच दिया है और केवल मोती महल बचा है। मैं मरते दम तक मोती महल और उसके परिसर को बचाऊंगी।”
अनिरुद्ध सिंह ने कहा, “मेरी मां और मुझे मामले को तत्परता और निष्पक्षता से निपटाने के लिए एसडीएम कोर्ट और माननीय न्यायाधीश पर सबसे ज़्यादा भरोसा है।”
पूर्ववर्ती भरतपुर राजघराने से अपनी वंशावली जोड़ने वाले इस परिवार में कलह कोई नई बात नहीं है। मई 2021 में भी अनिरुद्ध सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया था और लिखा था, “मैं अब छह सप्ताह से अपने पिता के संपर्क में नहीं हूं। वह मेरी मां के साथ हिंसा करते हैं और उन्हें परेशान करते है।”