राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बीच सचिन पायलट गुट की याचिका पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई जारी रखने का फैसला किया। इसके बाद हाई कोर्ट ने सोमवार सुबह 10 बजे तक सुनवाई स्थगित कर दी। कोर्ट ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को 18 जुलाई तक जवाब देने का समय दिया है। साथ ही हाई कोर्ट ने स्पीकर की कार्रवाई पर मंगलवार तक रोक लगा दी। यानी अब मंगलवार शाम 5 बजे तक स्पीकर बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं।
इस बीच, रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर किए गए ट्वीट को लेकर पार्टी गंभीर नजर आ रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बेनीवाल को साफ किया है कि राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर वे भाजपा के किसी भी नेता को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हालांकि, नड्डा की नसीहत के बाद भी बेनीवाल की ओर से किए गए ट्वीट नहीं हटाए गए हैं।
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इससे पहले हाई कोर्ट ने महेश जोशी की अपील को स्वीकार कर लिया। नोटिस के लिए तीन दिन देने पर बहस हुई। बता दें कि सचिन पायलट गुट की ओर से हरीश साल्वे लंदन से पेश हो रहे हैं। दूसरी ओर, ऑडियो क्लिप्स सामने आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर सरकार गिराने के लिए खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है। राजस्थान सरकार के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक ऑडिया जारी किया है। दावा किया गया है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह जयपुर के संजय जैन के जरिए विधायक भंवर लाल शर्मा के संपर्क में हैं।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ असंतुष्ट विधायकों की याचिका पर सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। इससे सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य असंतुष्ट विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिसों पर विधानसभा अध्यक्ष की किसी कार्रवाई से शुक्रवार को चार दिनों के लिए राहत मिल गई।
राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने शुक्रवार को राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिये विधायकों की खरीद फरोख्त वाले ओडियो टेप में कथित रूप से नाम आने पर संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौड ने बताया कि जैन को सोशल मीडिया पर वायरल हुई आडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार जैन को बृहस्पतिवार और शुक्रवार को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है।
आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में इस सप्ताह की शुरुआत में राजस्थान के तीन कारोबारी समूहों के ठिकानों पर तलाशी के बाद करीब 12 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि आयकर विभाग ने दिल्ली, मुंबई, जयपुर और कोटा में 43 ठिकानों पर तलाशी लगभग पूरी करने के बाद करीब 1.5 करोड़ रुपये के आभूषण भी जब्त किए हैं।
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार शाम को राजस्थान पुलिस के एक दल को गुड़गांव के एक होटल में कुछ समय तक प्रवेश से रोके रखा जहां कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट विधायकों के ठहरे होने की बात कही जा रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
ऑडियो टेप की सच्चाई की जांच होने तक कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है और दोनों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। कांग्रेस द्वारा लगाए गए ऑडियो के आरोप पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सफाई दी है। उन्होंने इसको फर्जी बताया है और कहा है कि मैं मारवाड़ भाषा बोलता हूं बल्कि आवाज में झुंझनू का टच है।
टेप लीक मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस से निलंबित विधायक भंवर लाल शर्मा और हिरासत में लिए गए संजय जैन के खिलाफ राजद्रोह के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें आपराधिक षड्यंत्र रचने की धारा भी लगाई गई है। अशोक राठौड़ (एडीजी- एटीएस और एसओजी) ने बताया कि गुरुवार को सामने आए ऑडियो टेप को लेकर कांग्रेस नेता महेश जोशी की ओर से दो शिकायतें मिली थीं। इसके बाद धारा 124(A) (राजद्रोह) और 120(B) (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत दो FIR दर्ज की गई हैं।
कांग्रेस ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटा दिया है। इसके अलावा उनके दो समर्थक मंत्रियों की भी कैबिनेट से छुट्टी कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस देकर उनके गुट से दो दिन में जवाब मांगा है। हालांकि, इस सबके बावजूद सच्चाई यह है कि सचिन पायलट अब तक अपना सियासी फैसला नहीं ले पाए हैं।
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की सोमवार और मंगलवार को हुई दो बैठकों में भाग लेने के लिए जारी पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है। इसके बाद, अध्यक्ष ने इन असंतुष्ट विधायकों को नोटिस जारी किए। हालांकि, पायलट खेमे का कहना है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गई शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।
भंवर लाल शर्मा राहुल गांधी पर भी तीखी टिप्पणी कर चुके हैं। भंवर लाल ने कहा था कि राहुल गांधी चार-पांच जोकरों से घिरे हुए हैं। उन्हें चापलूसों ने घेर रखा है। राहुल गांधी और सचिन पायलट जैसे लोग राजनीतिक विरासत से आए हैं। तब कांग्रेस पार्टी ने उनके इस बयान पर उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। हालांकि, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2008 से पहले फिर से उन्हें बहाल कर दिया गया था।
2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की लहर थी। इसके बावजूद राजस्थान में कांग्रेस के टिकट पर जीतने वालों में भंवर लाल शर्मा भी शामिल थे। वह 2018 में भी 7वीं बार जीतने में सफल रहे, लेकिन गहलोत सरकार में उन्हें जगह नहीं मिली। शायद इसी का नतीजा है कि उन्होंने गहलोत सरकार के खिलाफ बागवत का बिगुल फूंक दिया। अब कांग्रेस ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश के आरोपों के चलते उनकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी है।
भंवर लाल शर्मा अपने 30 साल के राजनीतिक सफर में कई बार कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। वह पहले भी पार्टी से निलंबित हो चुके हैं। हालांकि, कई ऐसे मौके भी आए जब उन्होंने सरकार बचाने में संकटमोचक की भूमिका निभाई। मौजूदा समय में वह अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सचिन पायलट के साथ बगावत का झंडा उठाए हुए हैं। भंवर लाल शर्मा सात बार के विधायक हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा भाजपा ने भी कांग्रेस पर फर्जी आरोप लगाने की बात कही है। शेखावत का कहना है कि मेरी कोई आवाज नहीं है। कांग्रेस फर्जी ऑडियो चलाकर मेरी प्रतिष्ठा खराब करने की कोशिश कर रही है।” शेखावत ने आगे कहा कि ऑडियो में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मैं केंद्रीय मंत्री से बात कर रहा हूं। गजेंद्र तो राजस्थान में बहुत सारे हैं।
लीक हुए टेप को लेकर सचिन पायलट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वे अब भी कांग्रेस के सदस्य हैं, उन्हें पहले राजस्थान के पीसीसी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था। यह पूछे जाने पर कि सचिन पायलट को निलंबित क्यों नहीं किया गया है, सुरजेवाला ने कहा, “हमने उन लोगों को पार्टी से निलंबित किया है जिनके खिलाफ हमारे पास सबूत हैं।”
ऑडियो क्लिप मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से पूछताछ के लिए राजस्थान की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) दिल्ली रवाना हो गई है। शेखावत ने टेप को फर्जी बताया था और कहा था कि मैं मारवाड़ भाषा बोलता हूं बल्कि आवाज में झुंझनू का टच है। केंद्रीय मंत्री के अलावा बीजेपी ने भी कांग्रेस पर फर्जी आरोप लगाने की बात कही है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने गहलोत सरकार की ओर से मुख्य सचेतक महेश जोशी को पार्टी मान लिया है। हरीश साल्वे की ओर से कहा गया है कि स्पीकर इस मामले में भेदभाव कर रहे हैं, स्पीकर की मंशा साफ नहीं है। इस दौरान अदालत में ऑडियो मामले में लिखी गई FIR पर भी चर्चा हुई और हरीश साल्वे ने कहा कि देखिए अब किस तरह FIR लिखी जा रही हैं।
भाजपा नेता संबित पात्रा ने राजस्थान में कांग्रेस द्वारा भाजपा नेताओं के खिलाफ लगाए जा रहे सभी आरोपों को खारिज करते हुए उसे आधारहीन बताया है। पात्रा ने कहा है कि दरअसल, कांग्रेस निराश है क्योंकि वह अपनी पार्टी को ठीक से नहीं रख पाई। वह एक बनाए गए ऑडियो क्लिप का उपयोग करके अपनी विफलताओं के लिए भाजपा को दोष देना चाहते हैं।
कांग्रेस में नेताओं को पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट पर नरम रुख अपनाने के लिए कहा है और युवा नेता के वापसी के दरवाजे खुले रखे हैं। सचिन पायलट को गांधी परिवार के साथ अच्छे संबंध साझा करने के लिए जाना जाता है।
एडीजी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के अशोक राठौर का कहना है कि कल वायरस हुई ऑडियो को लेकर महेश जोशी ने दो शिकायत की थीं, IPC की धारा 124 ए और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं। हम ऑडियो में हुई बातचीत की सच्चाई की जांच करेंगे।
राजस्थान कांग्रेस के मुख्य व्हिप महेश जोशी ने कहा "2 FIR दर्ज कराई हैं, एक FIR में 3 नाम हैं और दूसरी में कोई नाम नहीं है। FIR में भंवरलाल शर्मा, गजेंद्र सिंह, संजय जैन का नाम है। FIR में नाम गजेंद्र सिंह है लोगों का अनुमान है कि वो गजेंद्र सिंह शेखावत है इसकी जांच SOG करेगी।"
ऑडियो टेप को लेकर बोले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ""मेरी कोई आवाज नहीं है। कांग्रेस फर्जी ऑडियो चलाकर मेरी प्रतिष्ठा खराब करने की कोशिश कर रही है।” शेखावत ने आगे कहा कि ऑडियो में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मैं केंद्रीय मंत्री से बात कर रहा हूं। गजेंद्र तो राजस्थान में बहुत सारे हैं।
बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि कुर्सी का मोह, कुर्सी बचाने की फिक्र कैसी होती है ये कोई अशोक गहलोत से सीखे! बड़ा अजीब नजारा था कि अपना घर टूटता देख कोई विक्ट्री का साइन बनाए। बड़ी विचित्र बात है कि आपसी लड़ाई का मोहरा भाजपा को बताया जाए। सरकार के पास अगर बहुमत है तो तिगड़म क्यों।"
ऑडियो टेप पर राजस्थान कांग्रेस के मुख्य व्हिप महेश जोशी का कहने है कि मैंने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में इसकी शिकायत की है कि इसकी नियमानुसार जांच हो और जांच के आधार पर कार्रवाई हो, मुकदमा दर्ज हो।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद बेनीवाल ने दावा किया कि वसुंधरा राजे अशोक गहलोत का साथ दे रही हैं। बेनीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, "पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही है, राजे द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को इस बारे में फोन भी किए गए।"
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी राजस्थान की सरकार गिराने की कोशिश की है। इसके कुछ ऑडियो भी सामने आ रहे हैं, जिसमें राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा और बीजेपी नेता संजय जैन की बातचीत से जुड़े कई खुलासे किए।
एक तरफ पायलट ने बागी विधायकों को विधानसभा स्पीकर द्वारा अयोग्यता नोटिस भेजे जाने पर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की वहीं दूसरी तरफ उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम से बातचीत की। पढ़ें पूरी खबर
राजस्थान हाईकोर्ट आज सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों की याचिका पर सुनवाई करेगी। दरअसल, विधायकों ने स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया है। कोर्ट इस मामले में दोपहर 1 बजे तक सुनवाई कर सती है। बता दें कि विधायकों को स्पीकर की नोटिस का भी आज तक ही जवाब देना था।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में चल रही सियासी सरगर्मी पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी तनाव ऑटोपायलट और फाइटर पायलट के बीच की जंग है। गहलोत पर निशाना साधते हुए शेखावत ने कहा है कि उनका हर बयान कांग्रेस पर गांधी परिवार के हक की भावना झलकाता है।
भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राजस्थान में चल रहे संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन करने का फैसला किया है। पार्टी के उपाध्यक्ष परेश भाई वसावा ने कहा कि बीटीपी जनता के फैसले का सम्मान करती है और जनता की चुनी हुई सरकार को नहीं गिराना चाहती। बीटीपी के राजस्थान में दो विधायक हैं। पार्टी ने कुछ समय पहले ही कहा था कि उसके विधायक फिलहाल न तो गहलोत और न ही डिप्टी सीएम सचिन पायलट के प्रति समर्थन जताएं।
राजस्थान की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। एक दिन पहले ही कांग्रेस के बागी विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने विधायकों के सरकार गिराने के सबूत के तौर पर कुछ ऑडियो क्लिप्स शेयर की थीं। इसमें एक में विधायक भंवर लाल शर्मा को राजस्थान में सरकार गिराने की बात कहते सुना जा सकता है। हालांकि, अब भंवर लाल शर्मा ने कहा है कि यह ऑडियो फेक है। सीएम गहलोत की निराशा के बीच उनके ओएसडी लोकेश शर्मा विधायकों के फर्जी ऑडियो क्लिप बना रहे हैं।
नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने मौजूदा स्थिति के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे में गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सारे घटनाक्रम का ठीकरा भाजपा पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र खत्म करने पर आमादा है। धन बल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग से डरा रहे हैं, हिटलरशाही पर उतर आए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ विधायकों ने सचिन पायलट के उस बयान को हास्यास्पद व हताशा भर बताया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता से किए वादे पूर करने के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आवंटित बंगले को बचाए रखने में उनकी मदद कर रहे हैं। भाजपा के विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल तथा पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि पायलट का यह बयान हास्यास्पद है और उनकी हताशा को दर्शाता है। बयान के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री राजे को सरकारी आवास उन्हें वरिष्ठ विधायक के रूप में आवंटित है। इस श्रेणी के आवास समय-समय पर वरिष्ठ विधायकों को आवंटित किए जाते हैं। बयान में कहा गया, अच्छा होता कि पायलट यह बताते कि वह बिना पद के ही पांच केनिंग रोड के बंगले में किस हैसियत से रह रहे हैं?
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के समन्वयक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राज्य की अशोक गहलोत सरकार को बचाने का प्रयास कर रही हैं। बेनीवाल ने आरोप लगाया कि राजे ने इस बारे में कई कांग्रेसी विधायकों को फोन किए हैं। बेनीवाल ने इस बारे में कई ट्वीट किए। इनमें से एक में उन्होंने लिखा है, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, राजस्थान में अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही हैं। राजे द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को इस बारे में फोन भी किए गए।’’
खबर है कि भाजपा नेता अमित गोयल ने पार्टी का व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिया है। भाजपा ने मीडिया सेल ने ग्रुप बना रखा है। इस ग्रुप में प्रवक्ता, पैनलिस्ट और मीडियाकर्मी जुड़े थे। दूसरी ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में अपनी स्थिति और मजबूत करने के लिए सचिन पायलट की सदस्यता तक पर खतरे के संकेत दे चुके हैं। गहलोत ने एक दिन पहले ही पायलट पर निशाना भी साधा था।
राजस्थान में सियासी घमासान के बीच भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष परेश भाई वसावा ने डूंगरपुर में प्रेसवार्ता कर गहलोत सरकार को समर्थन देने की बात कही है
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों को भेजे गए इस नोटिस पर न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा की अदालत में सुनवाई होगी। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिसों को चुनौती देने के लिए संशोधित याचिका दाखिल करने का समय दिया है। राज्य विधानसभा से असंतुष्ट विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ उनकी याचिका पर अपराह्न तीन बजे सुनवाई हुई। हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने इसमें संशोधन के लिए समय मांगा। साल्वे ने दलील दी कि विधायक नोटिसों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं और उन्हें इसे नये सिरे से दाखिल करने के लिए और वक्त चाहिए। अब उच्च न्यायालय की खंडपीठ मामले में सुनवाई करेगी।
राजस्थान उच्च न्यायालय, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस को चुनौती देने वाली बागी विधायकों की याचिका पर 17 जुलाई को सुनवाई करेगा। याचिका पर गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, पायलट खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा।
राजस्थान में 2018 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट असंतुष्ट चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं। बता दें कि नोटिस पाने वाले अन्य विधायकों में दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवरलाल शर्मा और हरीश चंद्र मीणा भी शामिल हैं। इन लोगों ने भी गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए मीडिया में बयान दिए थे।
सचिन पायलट की तरफ से हाई कोर्ट में पेश वकील हरीश साल्वे ने विधानसभा स्पीकर की तरफ से विधायकों को जारी नोटिस को असंवैधानिक बताया और इसे निरस्त करने की मांग की। हालांकि, जस्टिस सतीश चंद शर्मा की बेंच ने पायलट की याचिका पर सुनवाई कल तक के लिए टाल दी। बता दें कि नोटिस का जवाब दाखिल करने के दबाव के चलते अब तक कई विधायक सरकार के खिलाफ बगावती सुर बुलंद कर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को वापस नहीं लेने का फैसला उस समय लिया जब उसे इस बात की जानकारी मिली की हाई कोर्ट में पायलट की पैरवी हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी कर रहे हैं। इसके बाद साफ हो गया कि पायलट की मंशा ठीक नहीं है। वे भाजपा से मिले हुए हैं, जैसा की गहलोत शुरू से ही सचिन पायलट पर आरोप लगाते रहे हैं।