राजस्थान में कांग्रेस के विधायक मदन प्रजापत ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पचपदरा विधानसभा सीट से विधायक मदन प्रजापत ने कसम खाई है कि जब तक बालोतरा को जिला घोषित नहीं किया जाता तब तक वह जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे। मदन प्रजापत ने यह कसम राजस्थान सरकार की ओर से हाल ही में बजट पेश किए जाने के बाद खाई है। उन्हें उम्मीद थी कि सीएम अशोक गहलोत इस बजट में उनकी मांग को पूरा कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मदन प्रजापत ने विधानसभा के गेट पर अपने जूते उतार दिए और नंगे पैर रहने की सौगंध उठा ली।
मदन प्रजापत ने कहा कि अब मैंने वचन ले लिया है तो बालोतरा को जिला बनाकर ही रहूंगा। उन्होंने कहा कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। उन्होंने कहा कि अगर मेरी मांग पूरी नहीं हुई तो मैं जीवन भर जूते नहीं पहनूंगा। मदन प्रजापत ने कहा कि मैंने सरकार में कोई पद नहीं मांगा बस बालोतरा को जिला बनाने की मांग की थी, लेकिन यह पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मैं क्षेत्र की जनता को जबान दे चुका हूं।
एक अखबार से बात करते हुए मदन प्रजापत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमारे आदर्श हैं और हमने उन्हीं से सीखा है कि जुबान देने के बाद उससे पीछे नहीं हटना संभव नहीं है। वचन भंग करने वाले का जीना बेकार होता है। हम लोग तो महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, ज्योतिबा फुले और अंबेडकर को मानने वाले हैं।
मदन प्रजापत के अलावा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी भी बालोतरा को जिला बनाने के पक्ष में हैं। वह भी इस संबंध में सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिख चुके हैं। उनका कहना है कि पिछले तीन दशक से क्षेत्र की जनता बालोतरा को जिला घोषित करने की मांग कर रही है। हर बजट से पहले इस घोषणा को लेकर उम्मीद लगाई जाती है, लेकिन हर बार क्षेत्र के लोगों को निराशा ही हाथ लगती है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर मुख्यालय से कई इलाके बेहद दूर हैं, इस वजह से आने-जाने में लोगों को परेशानी होती है।
कैलाश चौधरी का कहना है कि बाड़मेर जिला मुख्यालय और बालोतरा शहर के बीच करीब 100 किलोमीटर की दूरी है। उनका तर्क है कि जनसंख्या क्षेत्रफल और अन्य सभी पैमानों पर बालोतरा जिले बनने योग्य है, इसलिए यह मांग जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए।
