राजस्थान के भरतपुर में गो तस्करों ने एक बार फिर पीछा कर रही पुलिस पर कथित तौर पर गोलियों बरसाईं। एक चौकी पर पुलिस ने शिकंजा कसने की कोशिश की तो तीन गो तस्करों ने कथित तौर पर पुलिसवालों पर गोलियां बरसाईं और मौके से फरार हो गए। एएनआई की खबर के मुताबिक पुलिस 4 गायों को बचाने में कामयाब रही। पिछले कुछ महीनों की मीडिया रिपोर्ट्स को देखें तो भरतपुर जिले में गो तस्करी और तस्करों और पुलिस के बीच झड़प आम नजर आती है। मई में भरतपुर के मूंगस्का गांव में गो तस्करों ने पुलिसवालों पर जमकर गोलियां बरसाई थीं। दर्जनभर गो तस्कर 50 से ज्यादा गोवंश की तस्करी कर हरियाणा ले जा रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। तस्कर पहाड़ी पर थे इसलिए पुलिस की कार्रवाई में देरी होने के कारण वे फरार हो गए थे लेकिन दो दर्जन से ज्यादा गोवंश को बचाया जा सका था।

जून में भरतपुर के मेवात इलाके में गो तस्करों ने पुलिस को निशाना बना लिया था। गो तस्करों की गोलीबारी में पुलिस के दो जवान जख्मी भी हो गए थे, जिन्हें बाद में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने गो तस्करों को दबोचने के लिए नाकेबंदी की थी। जवाब में पुलिस ने एक कुख्यात बदमाश समेत एक और तस्कर को दबोच लिया था और 21 गायों को बचा लिया था। जुलाई में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। देर रात पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में गो तस्करों को मवेशियों से भरा ट्रक छोड़कर भागड़ा पड़ा था। आगरा-जयपुर नेशनल हाईवे पर एक ट्रक एक पुलिस बैरियर को तोड़कर भाग रहा था, जिसे देखते हुए नाकेबंदी की गई थीं। इस पर गो तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग की और ट्रक को जंगल की ओर मोड़ दिया था।

एक जगह रास्ते में ट्रक के फंस जाने और पुलिस के द्वारा पीछा किए जाने पर गो तस्कर ट्रक छोड़ भाग खड़े हुए थे। ट्रक से भारी मात्रा में गोवंश मिले थे, जिनमें 13 मृत मिले थे। अगस्त में भी भरतपुर के मेवात इलाके के कामां कस्बे में गो तस्कर एक गोशाला से गोवंश चुराकर भाग रहे थे तो लोगों ने देख लिया था। लोगों ने पीछा किया तो गो तस्कर गोलियां बरसाते हुए फरार हो गए थे। इस घटना में देरी से सक्रिय हुई पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर लोगों ने रोष प्रकट किया था।