Rajasthan Barmer Pandal Collapse News Updates: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार सुबह बाड़मेर के जसोल गांव पहुंचे। उन्होंने जसोल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी, ढांढस बंधाया। बता दें कि राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल गांव में रामकथा के दौरान आंधी-तूफान से पंडाल ढहने के कारण 15 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, करीब 70 लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त पंडाल में सैकड़ों लोग मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंधी-तूफान के कारण पंडाल बिजली के तार के संपर्क में आ गया था, जिससे लोहे के पिलर्स में करंट आ गया। ऐसे में उसके आसपास बैठे लोग करंट की चपेट में आ गए और जान गंवा बैठे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि महज डेढ़ मिनट में ही सबकुछ तबाह हो गया।
पीड़ित बोले- परिवार के साथ आखिरी रामकथा: बाड़मेर के जसोल गांव में हुए दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों का कहना है कि यह परिवार के साथ आखिरी रामकथा हो गई। उन्होंने बताया कि रविवार का दिन होने के कारण वह पूरे परिवार के साथ रामकथा सुनने गए थे, जहां यह दर्दनाक हादसा हो गया। उन्हें नहीं पता था कि यह परिवार के साथ आखिरी रामकथा होगी।
Highlights
राजस्थान के बाड़मेर में रामकथा के दौरान पंडाल गिरने से मरने वालों की संख्या 15 हो चुकी है। सीएम अशोक गहलोत ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए व घायलों को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम में पंडाल गिरने से 14 लोगों की हुई मौत पर रविवार को दुख जाहिर किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बाड़मेर के जसोल में रामकथा के दौरान पंडाल गिरने से लोगों की मौत होना घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं भगवान से मरने वालों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करूंगा। मैं उम्मीद करता हूं कि घायल हुए लोग जल्दी ठीक हो जाएंगे।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान पंडाल गिरने से 14 व्यक्तियों की मौत पर दुख व्यक्त किया। बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘राजस्थान के बाड़मेर में पंडाल गिरने से होने वाली मौतों पर दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।’’
बताया जा रहा है कि पंडाल में हवा पास होने के लिए जगह ही नहीं छोड़ी गई। यही कारण रहा कि जब आंधी चली तो हवा पंडाल में भर गई और वह ऊपर की ओर उड़ने लगा। पंडाल का फाउंडेशन कमजोर था। ऐसे में वह आसानी से उखड़ गया। इसके चलते लोहे के एंगल उखड़कर शामियाने के साथ हवा में उड़ गए।
मुरलीधर महाराज मारवाड़ के प्रसिद्ध कथावाचक हैं। लोग बताते हैं कि उनके कार्यक्रमों में काफी भीड़ उमड़ती है। इसके बावजूद प्रशासन ने इस तरह के आयोजन को लेकर सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया।
पंडाल गिरते ही करंट दौड़ा तो बिजली काट दी गई। लेकिन वहां दो ऑटोमैटिक जनरेटर लगे थे, वे स्टार्ट हो गए और करंट बना रहा। उधर, बिजली निगम के अफसर ने अफसर सोनाराम चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम के लिए कोई बिजली कनेक्शन नहीं लिया था।
कथा की शुरुआत दोपहर 2 बजे हुई थी। करीब 3:15 बजे आंधी के साथ बूंदाबांदी शुरू हुई। पंडाल में पानी टपकने लगा तो आयोजकों ने श्रद्धालुओं को आगे- पीछे किया, लेकिन कथा जारी रही। दोपहर 3:28 बजे अचानक बवंडर उठा और पंडाल धराशायी हो गया।
बाड़मेर के जसोल गांव में पंडाल गिरने से हुए हादसे में कथावाचक मुरलीधर महाराज भी चोटिल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि जब पंडाल तेजी से उड़ने लगा तो मैंने लोगों से तुरंत बाहर निकलने की अपील की थी।
केंद्रीय मंत्री और बाड़मेर के सांसद कैलाश चौधरी ने सोमवार को उस अस्पताल का दौरा किया, जहां पंडाल गिरने से घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि हादसा दर्दनाक है। मैं इस घटना के बाद प्रशासन के साथ संपर्क में हूं। मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम अशोक गहलोत से भी बात की है। बहरहाल सीएम द्वारा घोषित मुआवजा पीड़ितों तक पहुंच गया है।
लोगों का कहना है कि उस वक्त हवा की रफ्तार 80 से 100 किमी प्रति घंटा के आसपास थी। उन्होंने बताया कि महज डेढ़ मिनट में ही पूरा पंडाल तहस-नहस हो गया। किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
चश्मदीदों का कहना है कि आंधी-तूफान के कारण रामकथा का पंडाल करीब 20 फुट ऊपर तक उड़ गया था और फिर नीचे गिर गया। इसके बाद लोहे के पाइप में करंट आने लगा, जिससे काफी नुकसान हुआ।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पंडाल का फाउंडेशन काफी कमजोर था। वह सिर्फ दो फीट के फाउंडेशन पर लगाया गया था। रामकथा के दौरान पंडाल में करीब 800 लोग मौजूद थे। बवंडर के बाद जैसे ही पंडाल गिरा तो लोहे के एंगल भी श्रद्धालुओं पर गिर पड़े। इससे लोगों के सिर, पैर और पेट में गंभीर चोटें लगीं। बताया जा रहा कि दो लोगों की मौत लोहे का एंगल लगने से हुई।
बाड़मेर जिला प्रशासन ने दावा किया है कि जसोल में रामकथा को लेकर इजाजत नहीं ली गई थी। ऐसे में यह कार्यक्रम बिना अनुमति आयोजित हो रहा था।