कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने सहित अन्य चार मांगों को लेकर राजस्थान के नागौर के सांरवदा गांव में जुटे हजारों राजपूत समाज के लोगों और पुलिस के बीच बुधवार (12 जुलाई) को झड़प हुई। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस झड़प में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 15 लोग घायल हो गए और दो अन्य पुलिसकर्मी अभी लापता हैं। कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह गत 24 जून को कथित पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। फिलहाल नागौर, चुरु, सीकर और बीकानेर जिले में धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई।
राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक :कानून एवं व्यवस्था: एन आर के रेड्डी के अनुसार श्रीकरणी राजपूत सेना द्वारा आयोजित कार रैली में आए लोगों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा जब उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन वह हिंसा पर उतारू होने लगे, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि झड़प में घायल हुए लोगों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत छह पुलिसकर्मी शामिल हैं। अन्य घायल प्रदर्शनकारी हैं। घायल पुलिसर्किमयों में से दो को नाजुक हालत में जयपुर के अस्पताल भेजा गया है जबकि शेष को नागौर के नजदीक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दो पुलिसकर्मी अभी लापता हैं जिनकी तेजी से तलाश की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक आनंदपाल सिंह के पैतृक गांव में राजपूत करणी सेना की ओर से आयोजित की गई हुंकार रैली और श्रद्वाजंलि सभा में जुटे हजारों लोगों में से कुछ लोगों ने दिल्ली जोधपुर रेल मार्ग को जाम कर उसे श्रतिग्रस्त करना शुरू कर दिया था और पुलिस को उनको रोकने का प्रयास करने पर लाठी भाटा जंग शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि रेल मार्ग श्रतिग्रस्त हो जाने के कारण दिल्ली-जोधपुर वाया रेवाड़ी मार्ग पर फिलहाल यातायात बाधित है। पुलिस ने कहा कि सांरवदा गांव में स्थिति तनावपूर्ण है। भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर करीबी निगाहे बनाए हुए हैं।
