राजस्थान के कोटा में दो अनाथ बच्चों के सामने नोटबंदी के चलते विकट समस्या है। दोनों बच्चों के पैतृक मकान से साढ़े 96 हजार रुपये मिले हैं। लेकिन यह रुपये 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में हैं और इन्हें बैंक से बदलवाने की तारीख निकल चुकी है। यहां तक कि आरबीआई ने भी नोट बदलने से इनकार कर दिया है। दोनों बच्चों के पिता की कई साल पहले मौत हो गई थी। वहीं मां की की चार साल पहले हत्या कर दी गई थी। मां ने ही मजदूरी से कमाए पैसे जमा कर रखे थे।
पिछले दिनों बाल कल्याण समिति के आदेश पर पुलिस ने जब उनके घर की जांच तो बक्से से पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों में 96,500 रुपये मिले। सूरज और सलोनी नाम के इन बच्चों ने नोटों को जमा करने के लिए प्रधानमंत्री को खत लिखा है। इसमें लिखा है, ”मोदी अंकल प्लीज हमारे मन की बात सुनिए। हमारी मां ने मजदूरी कर हमारे लिए जो रकम छोड़ी है उन रुपयों की सलोनी के नाम एफडी करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्चों की मां पूजा बंजारा की चार साल पहले हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से बच्चे बाल कल्याण समिति के पास रह रहे हैं। समिति को उन्होंने बताया था कि सहरावदा में उनका पैतृक घर है। इस पर पुलिस ने घर की जांच की थी। यहां पर सोने-चांदी के जेवर और एक हजार रुपये के 22 व 500 के 149 पुराने नोट मिले थे। रकम मिलने के बाद समिति ने आरबीआई से इन नोटों को जमा करने को कहा था लेकिन वहां से निराशा हाथ लगी।
समिति ने अब वित्त मंत्रालय और आरबीआई गवर्नर से अपील की है। दोनों जगह ऑनलाइन अपील भेजी गई है। मामले के सामने आने के बाद स्थानीय सामाजिक संगठनों की ओर से भी प्रधानमंत्री कार्यालय को खत भेजे गए हैं। भाजपा विधायक संदीप शर्मा और पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता शांति धारीवाल ने भी प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि विशेष केस मानकर बच्चों को राहत दी जाए।