उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने नक्सलियों को क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि उन्हें लालच देकर नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि, “गोलियों से फैसले नहीं होते। उनके सवाल को एड्रेस करना पड़ेगा। उनकाे डराकर या लालच देकर नहीं रोक सकते हैं। क्रांति से जो लोग निकले हुए हैं, उनको रोकना आसान नहीं है। न इधर की बंदूक से हल निकलेगा और न उधर की। बातचीत से ही हल निकलेगा। क्रांति, विचार-व्यवहार से होती है, हथियार से नहीं। बंदूक से सवालों के हल ढ़ूढना आतंकवाद हैं। पूर्व में खुद हमने अपना नेतृत्व खोया है। दुख है कि 13 साल बाद भी रमन सरकार मसले पर टोटल फेलियर है।”
छत्तीसगढ़ के रायपुर में शनिवार (3 नवंबर) को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “बंदूकों से फैसले नहीं होते हैं। उनके सवाल का जवाब देना पड़ेगा। आप उनको डराकर, चमचागिरी कर और उनको बहकाकर या उनको लालच देकर, क्रांति के लोगों को रोक नहीं सकते हैं। ये मेरा राय है। मैं अपनी राय पार्टी को भी दे चुका हूं। पहले भी दी गई है।”
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क्रांति, विचार – व्यवहार से होती है – हथियार से नहीं। बंदूक से सवालों के हल ढ़ूढना आतंकवाद हैं। पूर्व में ख़ुद हमने अपना नेतृत्व खोया है
दुख है कि 13 साल बाद भी रमन सरकार मसले पर टोटल फेलियर है pic.twitter.com/8hiHmMEPUg
— Raj Babbar (@RajBabbarMP) November 3, 2018
कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं सिर्फ इतना ही कहना चाह रहा हूं कि जो अभाव में होता है, जिसको अधिकार नहीं मिलता, जिसका अधिकार छीन लिया जाता है, कुछ उपर वाले लोग और उपर वाले लोगों की ताकत से उनका अधिकार छीनते हैं, तो वे लोग अपना अधिकार पाने के लिए अपने प्राणों की आहूति देते हैं। अपना बलिदान देते हैं। लेकिन वे गलत करते हैं। न उनकी बंदूक से कोई हल निकलेगा और न इधर की बंदूक से कोई हल निकलेगा। अगर हल निकलेगा तो बातचीत से निकलेगा। उनके अधिकार देने से निकलेगा।”
राज बब्बर ने कहा, “मैं बिल्कुल इस बात को मानता हूं कि ये आतंकवादी हरकतें एक ऐसी शुरूआत से होती है। ये नक्सल मूवमेंट अधिकारों को लेकर शुरू हुआ है। इन अधिकारों को लेकर हमें लोगों के साथ बैठना पड़ेगा। जो लोग कहीं न कहीं आज अपने मार्ग से भटक गए हैं, उन भटके हुए लोगों को खिंचकर लाना होगा।”