भारतीय यात्री ट्रेनों में स्वच्छता व्यवस्था बनाए रखना लंबे समय से चुनौतीपूर्ण काम रहा है। हालांकि कहा जा रहा है कि ट्रेनों में ई-टॉयलेट की व्यवस्था से काफी हद तक इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। ऐसे में रेलवे ने अपनी इसी योजना के तहत सेंट्रल रेलवे, मुंबई डिविजन की ट्रेन में ई-टॉयलेट लगाए हैं। खास बात यह है कि ई-टॉयलेट केरल स्थित भारतीय कंपनी इरम साइंटिफिक सॉल्यूशन (ESS) ने बनाए हैं। यह कंपनी वॉटर और स्वच्छता के क्षेत्र में काम करती है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक नए तरह ई-टॉयलेट अभी कुछ कोचों में लगाए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक नए टॉयलेट, इलेक्ट्रोनिक रूप से काम करेंगे, जो फ्लशिंग को काफी हद तक आसान बना देगा। मतलब जब कोई शख्स टॉयलेट का दरवाजा खोलेगा तब फ्लश सिस्टम अपने आप काम करेगा। यह अपने आप में पहली तकनीक है, जिसे रेलवे ने अपनाया है। जानकारी के मुताबिक रेलवे की अगर यह योजना कामयाब रहती है तो रेलवे इन्हें अन्य कोचों में भी लागू कर सकता है। टॉयलेट पूरी तरह मानव रहित हैं और ऑटोमेटिक तकनीक से चलेंगे। इसमें लगे सेंसर इस बात की पुष्टि करेंगे कि इस्तेमाल के बाद सीट बिल्कुल साफ रहे।
प्रोजेक्ट से जुड़े एक्सपर्ट ने बताया कि ई-टॉयलेट का निर्माण करने वाली कंपनी का दावा है कि यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल हैं। स्टील धातु से बने इस टॉयलेट की बनावट की वजह से इसे आसानी से ट्रेन में लगाया जा सका। टॉयलेट पहले के मुकाबले हवादार बनाए गए हैं। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने इसके अलावा इस साल के आखिर तक करीब 2,000 कोचों का नवीनीकरण करने की योजना बनाई है। इस प्रोग्राम के तहत पुराने कोचों को नई तकनीक से अपडेट किया जाना है। हर सीट पर चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा के अलावा, नए पंखे, सीट कवर, नई टंकियों के अलावा ट्रे-टेबल भी लगाई जाएंगी।
