इंदौर के एक कुटुंब न्यायालय में उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गई, जब तलाक के एक मामले में अदालत ने व्यक्ति को उसकी पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण के लिए साढ़े चार हजार रुपए देने का आदेश दिया। इस पर युवक ने अदालत में आवेदन देकर कहा कि “मैं बेरोजगार हूं, पत्नी-बेटी के भरण-पोषण के लिए कोर्ट ने हर महीने साढ़े चार हजार रुपए देने का आदेश दिया है। मैं यह रकम नहीं दे सकता। राहुल गांधी ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि उनकी सरकार बनी तो हर बेरोजगार के खाते में हर महीने 6 हजार रुपए आएंगे। मैं पूरे होशोहवास में लिखकर देता हूं कि राहुल जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जो राशि मुझे दी जाएगी, उसमें से साढ़े चार हजार रुपए हर महीने पत्नी को दे दूंगा। कोर्ट चाहे तो बेरोजगारी भत्ते की रकम में से भरण-पोषण की रकम सीधे पत्नी के खाते में जमा करने का आदेश दे सकती है।”
नई दुनिया की एक खबर के अनुसार, आवेदन देने वाले व्यक्ति का नाम आनंद शर्मा है। आनंद का विवाह साल 2006 में हुआ था और शादी के कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच विवाद शुरु हो गया। दोनों ने अदालत में तलाक की अर्जी डाली हुई है। गत 12 मार्च को अदालत ने अपने एक आदेश में आनंद को हर माह अपनी पत्नी को 3 हजार रुपए और बेटी को डेढ़ हजार रुपए भरण पोषण के लिए देने का आदेश दिया था। अब युवक ने अदालत में उपरोक्त आवेदन दिया है। जिस पर अदालत ने बहस के लिए आगामी 29 अप्रैल की तारीख भी तय कर दी है।
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उल्लेखनीय है कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि यदि आगामी चुनावों के बाद उनकी सरकार बनी तो देश में हर गरीब को हर साल 72 हजार रुपए की आर्थिक मदद देंगे। ऐलान के मुताबिक जिन लोगों की आय 6 हजार रुपए प्रतिमाह से कम है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा और कांग्रेस की सरकार बनने पर ऐसे गरीब लोगों को हर माह 6 हजार और सालाना 72000 रुपए मिलेंगे। राहुल गांधी के इस ऐलान के बाद चुनावों में यह मुद्दा छाया हुआ है।