राधे मां आज अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पहुंचकर मत्था टेका। इसके साथ ही स्वर्ण मंदिर में चलने वाली वाली लंगर सेवा में राधे मां ने करीब 20 लाख रुपए कीमत के बर्तन दान किए है। राधे मां ने लंगर हॉल में 12,000 थालियां, 10,000 ग्लास और 10,000 चम्मच और अन्य बर्तन सेवा के लिए दान किए। इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए राधे मां ने कहा कि उनकी कोई हैसियत नहीं कि वह स्वर्ण मंदिर को कुछ दान दे सकें, वो सिर्फ सेवा करने के लिए यहां आयी हैं और जो कुछ गुरु ने उन्हें दिया है, उसमें से कुछ उनको अर्पण करने आयी हैं। राधे मां ने इस दौरान यह भी कहा कि अन्य धार्मिक स्थलों पर भी वह ऐसी ही मदद करेंगी।
बता दें कि राधे मां कुछ समय पहले उस वक्त विवादों में आयी थी जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका पर राधे मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति ने राधे मां पर उसे धमकाने की भी शिकायत की थी। राधे मां के समर्थकों का मानना है कि राधे मां दुर्गा मां का अवतार है। 52 वर्षीय राधे मां हमेशा लाल और सुनहरे जोड़े में ही नजर आती हैं। कुछ खबरों में कहा गया था कि राधे मां किसी वेब सीरीज में एक्टिंग डेब्यू भी कर सकती हैं। मुंबई की एक महिला ने राधे मां पर आरोप लगाया था कि राधे मां ने दहेज के लिए उसे मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताड़ित किया है। इसके बाद राधे मां ने कहा था कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं, उनसे उन्हें सदमा लगा है और उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म करने की कोशिश भी की थी।
बता दें कि राधे मां का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जिले के दोरंगाला गांव में हुआ था। उनके बचपन का नाम सुखविंदर कौर था। 17 साल की उम्र में राधे मां की शादी मोहन सिंह नाम के व्यक्ति से हुई थी। इसके बाद राधे मां 23 साल की उम्र में 1008 परमहंस बाग डेरा मुकेरियन के महंत रामदीन दास की शिष्या बन गई। महंत राम दीन ने ही उन्हें राधे मां की उपाधि दी थी। फिलहाल राधे मां मुंबई के बोरीवली इलाके में रहती हैं।

