आलाकमान की ओर से पंजाब प्रदेश कांग्रेस में जारी घमासान को थामने के लिए वहां संगठन में फेरबदल के कयासों के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार अपने आवास पर पार्टी के बड़ी संख्या में हिंदू नेताओं के लिए दोपहर के भोज का आयोजन किया। पंजाब कांग्रेस में इन दिनों कैप्टन और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जुबानी जंग सुर्खियों में है। इस भोज के मौके पर मांग यह उठाई गई कि प्रदेश कांग्रेस की कमान हिंदू नेता के हाथों में दी जानी चाहिए।
इस भोज में तमाम मसलों पर चर्चा हुई जिनमें शहरी इलाकों को प्राथमिकता नहीं दिया जाना भी एक मुद्दा था, जबकि चर्चा पार्टी संगठन में जमीनी कामकाज के अभाव पर, विधायकों-मंत्रियों द्वारा जनता की अनसुनी करने जैसे मसलों पर भी हुई। बताया जाता है कि तमाम कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि सरकार-संगठन में हिंदुओं व सिखों को बराबर हिस्सा मिलना चाहिए। भोज में यह भी कहा गया कि प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी हिंदू नेता के हाथ में दी जाए।
इन सबके बीच, सबसे रोचक यह कि वर्तमान में पंजाब कांग्रेस के मुखिया सुनील कुमार जाखड़ को मुख्यमंत्री के दोपहर के भोज में नहीं न्योता गया जिसमें प्रदेशभर के नेता जमा थे। इस भोज में ब्रह्म महिंद्रा ओपी सोनी, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशूू और सुंदर शाम अरोड़ा सहित पांच हिंदू नेताओं के अलावा कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, पंजाब से पूर्व राज्यसभा सदस्य डा. अश्विनी कुमार और अमृतसर से सांसद जीएस औजला, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढी और पंजाब मंडी बोर्ड के अध्यक्ष लाल सिंह भी उपस्थित थे।
मालवा से एक कांग्रेस नेता ने बताया, तमाम पार्टी नेताओं ने मुख्यमंत्री से कहा है कि हिंदू नेता खुद को अलग-थलग किया गया मानते हैं। पंजाब में कम से कम 15 विस हलकों में जहां पहले हिंदू नेताओं को ही चुनाव मैदान में उतारा जाता रहा है, वहां अब टिकट जट्ट सिख नेताओं को दे दी जाती है। हमने यह मसला भी भोज में उठाया। इसके अलावा हमने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पंजाब प्रदेश का मुखिया किसी हिंदू नेता को ही बनाया जाना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि यह काम आलाकमान को करना है लेकिन वह उन्हें हम सबकी इस भावना से अवगत जरूर कराएंगे।
आज गुरुवार के इस भोज की अहमियत तब और अधिक बढ़ गई है जब आलाकमान पंजाब कांग्रेस के पुनर्गठन के संदर्भ में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कोई बड़ी घोषणा करने की तैयारी कर रहे हैं। भोज में उपस्थित कुछ नेताओं ने सुनील जाखड़ पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक नहीं बुलाई और पार्टी संगठन तो लगता है कि धरातल से ही गायब है।
इस दोपहर भोज के उपरांत मुख्यमंत्री ने अपने एक ट्वीट में कहा, शहरी हलकों से आते वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ बेहतर माहौल में चर्चा हुई। पार्टी संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने के लिए भी उनके विचार लिए गए।