पंजाब सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर एसएस रंधावा ने करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास के लिए लगाए पत्थर पर अपने और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम पर काला टेप लगाकर नया विवाद पैदा कर दिया है। रंधावा ने पंजाब सरकार के अन्य मंत्रियों के नाम पर भी काला टेप चिपका दिया। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘शिलान्यास पत्थर पर प्रकाश बादल और सुखबीर बादल के नाम अंकित होने के विरोध में मैंने ऐसा किया। उनके नाम यहां क्यों हैं? वो कार्यकारिणी का हिस्सा नहीं हैं, यह भाजपा-अकाली का इवेंट नहीं है।’ रंधावा ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरन कौर के उस बयान पर भी जोरदार हमला बोला, जिसमें उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को कौम का गद्दार तक कह डाला था। पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री रंधावा ने कहा, ‘सिद्धू को कौम का गद्दार बताने वाली हरसिमरन खुद पाकिस्तान जा रही हैं। अब वो क्या मुंह लेकर पाकिस्तान जाएंगी? अकाली जब सत्ता में थे तब करतारपुर कॉरिडोर के लिए कोई कदम नहीं उठाया।’
Punjab Minister SS Randhawa puts black tape on his,CM&other Punjab ministers’ names on foundation stone.Says ‘I did this in protest against Parkash&Sukhbir Badal’s names on stone. Why is their name here? They are not part of executive, its not BJP-Akali event’ #KartarpurCorridor pic.twitter.com/SoLhVIPWxI
— ANI (@ANI) November 26, 2018
Harsimrat Kaur Badal had called Navjot Sidhu a ‘qaum ka gaddar’, now she herself is going to Pakistan, with what face will she go? Akali Dal had not taken up #KartarpurCorridor issue even once when they were in power: Sukhwinder Singh Randhawa, Punjab Minister pic.twitter.com/JW9GNhNMpq
— ANI (@ANI) November 26, 2018
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब, भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक पूजास्थल से करीब चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार स्थित है। यह सिख गुरुद्वारा 1522 में सिख गुरु ने स्थापित किया था। पहला गुरुद्वारा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, यहां बनाया गया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां गुरु नानक देव का निधन हुआ था। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास सोमवार (26 नवंबर, 2018) को होगा। इसके इसके लिए पाकिस्तान की तरह से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू को न्योता भेजा गया। हालांकि सिद्धू को छोड़कर दोनों नेताओं ने कार्यक्रम में नहीं शामिल होने की बात कही है।