पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उनकी सिक्योरिटी हटाए जाने का मुद्दा उठ रहा है। इस बीच पंजाब सरकार ने 434 वीवीआईपी को फिर से सिक्योरिटी देने का निर्णय लिया है। मूसेवाला की हत्या से एक दिन पहले ही सरकार ने 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली थी। अब सरकार ने 7 जून से 434 वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा फिर से बढ़ाने का फैसला किया है।
पंजाब सरकार ने गुरुवार को जस्टिस राज मोहन सिंह की बेंच को यह जानकारी दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी। इस मामले में विस्तृत आदेश अभी जारी होना बाकी है।
पूर्व मंत्री ओपी सोनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को यह जानकारी दी है। सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी हटने के बाद उनकी हत्या को लेकर राज्य सरकार की आलोचना हो रही है।
सुरक्षा कवर में कटौती के सवाल पर हाई कोर्ट को पंजाब सरकार ने बताया कि उसे 6 जून को ऑपरेशन ब्लूस्टार की वर्षगांठ के लिए कर्मियों की आवश्यकता है। सरकार ने कहा कि 7 जून से 420 से ज्यादा वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा फिर से बहाल कर दी जाएगी।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान सुरक्षा वापस लेने/सुरक्षा कम करने से संबंधित जानकारी एक सील बंद लिफाफे में अदालत के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था।
ओम प्रकाश सोनी की ओर से दायर एक याचिका में 11 मई, 2022 के आदेश को रद करने की मांग की गई है। इस आदेश में उनकी “जेड” श्रेणी की सुरक्षा को कम कर सुरक्षा कर्मियों को वापस ले लिया गया था।
सोनी के वकील एडवोकेट मधु दयाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने सिक्योरिटी हटाने का फैसला इन लोगों की सुरक्षा का आकलन करने के बजाय अपनी लोकप्रियता के लिए किया था। दयाल ने तर्क दिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।
उन्होंने पीठ के समक्ष यह भी बताया कि एक रिपोर्ट के केवल अवलोकन से पता चलता है कि सुरक्षा प्राप्त लोगों की सूची “खतरे की धारणा के आधार से ज्यादा राजनीति से प्रेरित” थी।