पंजाब सीएम भगवंत मान ने विक्रमजीत सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस में एसआईटी जांच बैठा दी है। इसी मामले पर सीएम केजरीवाल कभी मजीठिया से माफी मांग चुके हैं।

इस एसआईटी का नेतृत्व एआईजी गुरशरण सिंह संधू करेंगे। मजीठिया पर पंजाब में एक ड्रग्स रैकेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल 20 दिसंबर को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पंजाब पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले साल मोहाली पुलिस थाने में मामले से संबंधित 49 पन्नों की प्राथमिकी दर्ज की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए मजीठिया की गिरफ्तारी पर 23 फरवरी तक रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्होंने मोहाली सत्र अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद मजीठिया ने 24 फरवरी को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। जहां से उन्हें दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

इन आरोपों को लेकर अकाली दल ने इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मजीठिया को फंसाने के लिए पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर मजबूर किया गया था। मजीठिया, जो अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं। मजीठिया अमृतसर पूर्व से पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरे थे लेकिन आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से हार गए।

कभी इन्हीं आरोपों को लेकर अरविंद केजरीवाल ने मजीठिया से माफी मांगी थी। दरअसल अरविंद केजरीवाल ने मजीठिया पर ड्रग्स रैकेट का प्रमुख होने का आरोप लगाया था। इसके बाद मजीठिया केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट चले गए और मानहानि का दावा कर दिया। जिसके बाद केजरीवाल ने मजीठिया से माफी मांग ली थी। इसके बाद अकाली नेता ने केस वापस ले लिया था। अब जब पंजाब में आप की सरकार बन गई है तो मजीठिया के खिलाफ एसआईटी का गठन कर दिया गया है।