पजांब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चल रही राज्य सरकार ने सूबे में छात्राओं को मुफ्त में शिक्षा मुहैया कराने की घोषणा की है। नए नियम के अनुसार अब पंजाब में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में नर्सरी से पीएचडी तक छात्राओं को मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी। बीते सोमवार (19 जून, 2017) को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा करते हुए कहा, ‘राज्य सरकार सूबे के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को अगले शैक्षणिक सत्र से मुफ्त में किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। साथ ही ये किताबें इंटरनेट पर भी ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। जहां से छात्र इन किताबों को मुफ्त में डाउनलोड कर सकेंगे।’ मुख्यमंत्री सिंह ने आगे कहा कि अगले वर्ष से नर्सरी और एलकेजी की कक्षाएं सरकारी स्कूलों में दोबारा शुरू की जाएंगी। वहीं चुनावी वादों को पूरा करते हुए सिंह ने 13 हजार प्राइमरी स्कूलों के लिए मुफ्त में वाई-फाई की घोषणा की। इसके साथ 48 सरकारी कॉलेजों को भी मुफ्त में वाई-फाई की सुविधा देने की बात कही गई।

साथ ही सरकार में पंचायती राज संस्थाओं और शहर के स्थानीय निकायों में महिलाओ की भागदारी को 33 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया। वहीं अन्य फैसले के तहत राज्य सरकार ने पंजाब में नया लोकपाल बिल लाने की घोषणा की है। नए लोकपाल के दायरे में मुख्यमंत्री, मंत्री सहित सभी अधिकारियों के आने की बात कही गई है। लोकपास के पास होने के बाद इन सभी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के पूरे अधिकार होंगे। वहीं अन्य फैसले के तहत मुख्यमंत्री ने सीमांत किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की है। यहां सरकार ने पांच एकड़ तक की जोत वाले किसानों के लिए दो लाख रुपए तक कर्जमाफी की घोषणा की है। सरकार के अनुसार इससे 10.25 किसानों को सीधा फायदा होगा। बता दें कि साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार पंजाब में साक्षरता दर 75.84 है जोकि राष्ट्रीय औसत से थोड़ी बेहतर हैं। आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कुल साक्षरों की संख्या 1,87,07,137 हैं। जिसमें पुरुषों में साक्षरता दर 80.44 फीसदी है जबकि महिला में ये 70.73 फीसदी है।