शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार (1 जुलाई, 2022) को घोषणा की कि वो राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाएंगे क्योंकि सिख समुदाय पर किए गए अत्याचारों को वो कभी नहीं भूल सकते हैं। इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी द्रौपदी मुर्मू को ही समर्थन देने की बात कही थी।
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में अब द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा ही मैदान में हैं। 96 लोगों के नामांकन रद्द होने के बाद अब इन दो उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला होगा। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को राष्ट्रपति चुनाव का पीठासीन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) बनाया गया है।
बताया जा रहा है कि जिन आवेदकों के नॉमिनेशन खारिज हुए हैं, उनके पास प्रस्तावक और अनुमोदकों की संख्या पर्याप्त नहीं थी। इसके अलावा, 15 रुपए जमा करने के लिए कहा गया था, जो कई उम्मीदवारों ने जमा नहीं करवाए। 29 जून तक आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख थी और पर्चा वापस लेने की अंतिम तारीख 2 जुलाई है। वहीं, राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। 25 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति शपथ ग्रहण करेंगे।
बता दें कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। यशवंत सिन्हा पहले बीजेपी में ही थे और काफी लंबा समय उन्होंने इस पार्टी में गुजारा है, लेकिन साल 2018 में वो बीजेपी को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। वो पहले एक आईएएस अधिकारी थे और उसके बाद में राजनीति में आ गए।
वहीं एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और वो ओडिशा से हैं। वो भी राजनीति में काफी सक्रिय रही हैं। पार्षद रह चुकी हैं, ओडिशा सरकार में मंत्री भी रही हैं और 2015 से 2021 तक वो झारखंड की राज्यपाल थीं।