पंजाब में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। यहां वोटों की खातिर साले को मौत के घाट उतार दिया गया। पंचायत चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सरपंच पद के लिए खड़ी पत्नी को सहानुभूति वोट दिलाने के लिए साले की हत्या कर दी। हालांकि साले को मारने के लिए जीजा कई साल पहले से तैयार था। वह अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता था। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला राज्य के अमृतसर का है। यहां बीते साल 29 दिसंबर 2018 को बाबा श्रीचंद कॉलोनी के रहने वाले 50 वर्षीय तेजिंदर सिंह की खलिहारा में हत्या कर दी गई थी। 30 दिसंबर को ही राज्य में पंचायत चुनाव के लिए मतदान होना था। इसके बाद मृतक के जीजा जसमेर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें जसमेर ने अकाली दल की उम्मीदवार संदीप कौर के पति का भी नाम लिया था।
जसमेर ने अपनी शिकायत में कहा था कि, ’29 दिसंबर की सुबह वह घर में काम करने वाले टीटू और तेजिंदर के साथ अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार में लगा था। इसी दौरार संदीप कौर का पति हरजिंदर सिंह वहां लाठी डंडे और तेजधार हथियार से लैस पांच लोगों के साथ आकर मारपीट करने लगता है’। जसमेर बताया था कि. ‘इस दौर मौका पाकर टीटू भाग जाता है। हालांकि हरजिंदर और उसके साथी तेजिंदर को पकड़ कर उसके सिर पर लकड़ी के रॉड से कई बार हमला करते हैं। जहां वह मौके पर ही दम तोड़ देता है’।
वहीं, पंचायत चुनाव में जसमेर की पत्नी रूपिंदर कौर 65 वोट से चुनाव हार गईं। हालांकि, पुलिस को पड़ताल में कुछ और ही माजरा दिख रहा था। मामले पर एसएसपी परमपाल सिंह ने बताया कि, कड़ी पूछताछ में ही जसमेर ने तेजिंदर की हत्या करने की बात कबूल ली। उसने बताया कि वह पत्नी को चुनाव में जिताना चाह रहा था। जिसके लिए उसने सहानुभूति वोट पाने के तेजिंदर की हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में जसमेर के साथी टीटू और जागीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में पुलिस ने बताया कि, जसमेर पहले से ही अपने साले तेजिंदर को मारना चाहता था। जसमेर अपना पुराना बदला पूरा करने के लिए कई सालों से तैयारी कर रहा था। पुलिस ने बताया कि, जसमेर को शक था कि उसका भाई पलविंदर सिंह उसकी मुखबिरी पर मारा गया था। कथित आतंकी पलविंदर सिंह को पुलिस ने 1991 में मुठभेड़ में मार गिराया था।