Reported By-Manraj Grewal Sharma: पंजाब में भगवंत मान और आप दोनों को संगरूर लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिली है। मान इसी सीट से सांसद थे और उनके विधायक बनने के बाद यहां उपचुनाव हुआ था, वहीं पंजाब में आप सरकार बनने के बाद इस चुनाव को एक तरह से जनता का आप सरकार के प्रति नजरिया भी बताया जा रहा था, जिसमें उसे मात मिली है।

1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के विरोध में इस्तीफा देने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने इससे पहले 1999 के बाद से एक भी चुनाव नहीं जीता था। हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनावों में भी, वह आलमगढ़ विधानसभा सीट पर दूसरे स्थान पर रहे थे। उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। लेकिन रविवार को आए संगरूर उपचुनाव में मान ने 5,800 से अधिक मतों से जीत हासिल की। जानिए वो पांच कारण जिसके कारण सिमरनजीत सिंह मान ने यहां से जीत दर्ज की।

नाखुश मतदाता- कई मतदाता कथित तौर पर स्थानीय विधायकों के व्यवहार से नाखुश थे। चार महीने पहले ही लोगों ने इस संसदीय क्षेत्र की सभी नौ विधानसभा सीटों को आप को जिताया था। कथित तौर पर गैर जिम्मेदार स्थानीय नेतृत्व से पार्टी कार्यकर्ता भी असंतुष्ट बताए जाते हैं। एक राजनीतिक पर्यवेक्षक डॉ जी एस सेखों का कहना है कि राज्यसभा उम्मीदवारों के चुनाव के कारण भी लोग आप से नाराज थे।

मूसेवाला की हत्या- पंजाबी लोकगायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने भी आप को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मान सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लेने के कुछ दिनों बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मूसेवाला के प्रशंसकों ने उनकी हत्या के लिए खुले तौर पर सरकार को दोषी ठहराया। इस इलाके में मूसावाले की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है।

बेअदबी और किसान आंदोलन का मुद्दा- सिमरनजीत मान ने 2015 में अकाली-भाजपा शासन के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। किसानों के मुद्दे पर भी उन्होंने आक्रमक रूख अपनाया था। उन्होंने लगातार केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज को बुलंद किया था। जिसके कारण मतदाता उनकी तरफ आकर्षित हुए।

AAP ने उतारा कमजोर उम्मीदवार- आप ने घराचोन गांव के एक सरपंच गुरमेल सिंह को मैदान में उतारा। जो थे तो मान के करीबी लेकिन इलाके में उतनी लोकप्रियता नहीं थी। मूसेवाला की मौत के मुद्दे पर सरकार विरोधी गुस्से को दूर करने के लिए वो कुछ नहीं कर सके। हालांकि सीएम भगवंत मान ने पिछले कुछ दिन संगरूर में बिताए थे, लेकिन तब तक मतदाताओं का दिल जीतने में बहुत देर हो चुकी थी।

पंचकोणीय मुकाबला- यह पहली बार था जब संगरूर में पांच पार्टियों ने मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कांग्रेस ने दलबीर गोल्डी को मैदान में उतारा, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में धूरी से भगवंत मान के खिलाफ चुनाव लड़ा था, भाजपा ने उद्योगपति और कांग्रेस के पूर्व विधायक केवल ढिल्लों को मैदान में उतारा था। अकाली दल ने पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड में मौत की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर को टिकट दिया था।