पंजाब में धार्मिक ग्रन्थों के पन्ने नहर में तैरते हुए मिलने के बाद सिख तालमेल कमेटी और कुछ हिंदू संगठनों ने बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया है। पंजाब के जालंधर जिले में गुरु ग्रंथ साहिब और हिंदू ग्रंथ भगवत गीता के “फटे हुए” पन्ने नहर में तैरते हुए मिले। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने इस मामले में धारा 295 (a) (धार्मिक भावनाओं को आहत) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक गुर ग्रंथ साहिब के 200 से ज्यादा “फटे” पन्ने और भगवत गीता के कुछ पन्ने कपूरथला चौक के पास शेरसिंह कालोनी में दोआब नहर में तैरते हुए पाए गए थे। गुरुद्वारे से लौटते वक्त प्रिंस पाल सिंह नाम के एक शख्स ने इन पन्नों को देखा। जल्द ही पूरे इलाके में खबर में फैल गई। कुछ लोग नहर में उतरे और धार्मिक ग्रन्थों के पन्नों को इकट्ठा किया। सिख तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य हरपाल सिंह का कहना है कि बीते साल से इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद शिअद-बीजेपी सरकार की नाकामी सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व द्वारा पंजाब में लगातार शांति भंग करने की कोशिश की जा रही है और आरएसएस नेता जगदीश गगनेजा की हत्या भी इसी कोशिश का हिस्सा ही थी। शिवसेना समेत कुछ हिंदू संगठन इस धरने में शामिल हैं।
पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने हादसे की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के जघन्य कृत्यों व्यापक निंदा के पात्र हैं और इन कृत्यों में शामिल लोगों को कठोर दंड दिया जाएगा। गौरतलब है कि पंजाब में धार्मिक ग्रंथों से बेअदबी के इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।
बता दें कि इससे पहले 24 जून को पंजाब के मलेरकोटला में धार्मिक ग्रंथ की कथित बेअदबी के मामला सामने आया था। मामले में गिरफ्तार एक आरोपी ने दावा किया था कि उसने आप विधायक नरेश यादव के कहने पर यह सब किया था। इस मामले में आप विधायक नरेश यादव को कोर्ट ने जमानत दे दी थी।