हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने आज कहा कि हिसार जिले के बरवाला शहर में स्वयंभू संत रामपाल के आश्रम में स्थिति बिगड़ रही है और पुलिस रामपाल को बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है जो अब भी आश्रम के अंदर हैं। उन्होंने इस कार्रवाई को बहुत मुश्किल करार दिया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं और उन्हें लगातार जानकारी दी जा रही है। खट्टर के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) जवाहर यादव ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं। वह नियमित रूप से खुद हालात की जानकारी ले रहे हैं।’’
सतलोक आश्रम के आसपास पुलिस की कार्रवाई में कुछ मीडियाकर्मियों के जख्मी हो जाने और कुछ चैनलों के कैमरे टूटने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। लेकिन मुझे परिस्थिति की सही सही जानकारी नहीं है कि किस वजह से कार्रवाई हुई जिसमें कई मीडियाकर्मी घायल हो गये।’’
डीजीपी वशिष्ठ ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जानकारी के अनुसार रामपाल आश्रम के अंदर ही है। रामपाल को गिरफ्तार करने में पुलिस की तरह से किसी तरह की देरी होने के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि वे एक बहुत मुश्किल अभियान पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी को समझना चाहिए कि हम आश्रम में काफी विरोध का सामना कर रहे हैं। हम जानते हैं कि आश्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं और महज एक साल तक के बच्चे हैं। हमारी प्राथमिकता बेगुनाह लोगों को बचाना है।’’
वशिष्ठ ने कहा कि अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों तक आश्रम की तमाम सुविधाओं की आपूर्ति बंद कर दी थी, यातायात का रुख मोड़ दिया और रामपाल से संबंधित उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए सभी तरह के कदम उठाये।
डीजीपी ने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए और साथ ही कम से कम बल का इस्तेमाल करने तथा लोगों के हताहत होने से बचने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
पुलिस की कार्रवाई में कई मीडियाकर्मियों के घायल होने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पत्रकारों को चोटिल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कोई पुलिसकर्मी जानबूझकर मीडिया पर हमला नहीं करेगा और खबरों के मुताबिक कुछ पत्रकार आश्रम के अंदर से हो रहे पथराव में जख्मी हुए हैं वहीं कुछ पुलिस की कार्रवाई में भी चोटिल हुए हैं।
डीजीपी ने कहा, ‘‘जैसे ही अभियान पूरा होता है, हम इस मामले पर विचार करेंगे। मीडिया पर निशाना इरादतन नहीं साधा गया या मीडिया पर कार्रवाई संबंधी बाध्यता नहीं थी।’’
उन्होंने कहा कि सुबह उन्हें पत्रकारों के फोन आये थे कि उन्हें सतलोक आश्रम में सुरक्षाकर्मियों द्वारा शुरू किये जा रहे अभियान को कवर करने की इजाजत दी जाए जिसके बाद उन्हें इजाजत दी गयी।
डीजीपी ने कहा, ‘‘हमें कुछ छिपाना नहीं है। हम मीडिया का साथ चाहते हैं ताकि दुनिया जाने कि सच्चाई क्या है। हमने 86 मीडियाकर्मियों को अभियान को कवर करने की इजाजत दी थी।’’