पंजाब में पिछले 10 महीनों में पांच बार एडवोकेट जनरल बदल चुके हैं। अब विनोद घई को पंजाब का नया एडवोकेट जनरल बनाया गया है। डॉ अनमोल रतन सिद्धू के मंगलवार को “व्यक्तिगत कारणों” का हवाला देते हुए एडवोकेट जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद विनोद घई को नियुक्त किया गया। विनोद घई 10 महीनों में राज्य के पांचवें एडवोकेट जनरल बनेंगे और तीसरे ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें 2015 की बेअदबी की घटनाओं में अभियुक्तों का पक्ष लेने या हितों के टकराव के लिए कथित तौर पर विपक्ष का सामना करना पड़ा।
जब चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पिछले सितंबर में वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को पंजाब का एडवोकेट जनरल (एजी) नियुक्त किया, तो आम आदमी पार्टी ने काफी हंगामा किया था। आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई क्योंकि एपीएस देओल ने राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सैनी का प्रतिनिधित्व किया था, जो 2015 की बेअदबी की घटनाओं के दौरान पुलिस प्रमुख थे और बहबल कलां पुलिस फायरिंग मामले में आरोपी हैं। इस विवाद ने आखिरकार एपीएस देओल को नवंबर में पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
विनोद घई ने न केवल सुमेध सैनी बल्कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का भी प्रतिनिधित्व किया है, जो बेअदबी के मामले में आरोपी है और उन्हें बलात्कार और हत्या का भी दोषी ठहराया गया है। विनोद घई राज्य के पूर्व मंत्रियों भारत भूषण आशु और विजय सिंगला के वकील भी हैं। जहां विजिलेंस ब्यूरो अनाज उठाने के टेंडर में 2,000 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं के संबंध में आशु की जांच कर रहा है। वहीं भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विजय सिंगला को मई में कैबिनेट से हटा दिया था।
कांग्रेस विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुखपाल खैरा ने शुक्रवार को कहा, “विनोद घई के खिलाफ मेरा कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। लेकिन उन्होंने सुमेध सैनी और गुरमीत राम रहीम का प्रतिनिधित्व किया है। नैतिकता कहाँ गई? अब वह उन्हीं मामलों में पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस नियुक्ति ने राज्य सरकार के दोहरे रवैए को उजागर कर दिया। यह नियुक्ति गलत है और इसका बचाव नहीं किया जा सकता है।”
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने गुरुवार को इसकी निंदा करते हुए कहा कि विनोद घई डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के वकील बने रहे जो बरगारी अपवित्रता की घटना के मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल से मुलाकात करेगा और इस नियुक्ति का विरोध दर्ज कराएगा।
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शुक्रवार को विनोद घई की नियुक्ति को मंजूरी दे दी और फाइल राज्य सरकार को वापस भेज दी। सरकार ने इसको अधिसूचित भी कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि विनोद घई जल्द ही औपचारिक रूप से एजी का पद संभालेंगे।