हरियाणा राज्य सभा चुनाव में हुई धांधली को लेकर चुनाव आयोग ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। चुनाव के दौरान कलम बदले जाने को आयोग ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में मतदान के दौरान वहीं मौजूद चुनाव अधिकारी नंदल पर गाज गिरने की संभावना है। 11 जून को हुए चुनाव में भाजपा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार सुभाष चंद्रा विजयी हुए थे जबकि कांग्रेस और इनेलो समर्थित आर के आनंद को हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले बुधवार (28 सितंबर) को राज्यसभा चुनाव में स्याही विवाद को लेकर चुनाव आयोग द्वारा आरोपित अधिकारी और हरियाणा विधानसभा के सचिव आर के नंदल ने अपना बचाव किया और कहा कि चुनाव पारदर्शी तरीके से संचालित कराया गया था वहीं विपक्षी उम्मीदवार आर के आनंद ने कहा कि उनके रुख की पुष्टि हुई है। चुनाव आयोग द्वारा नंदल के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश किए जाने के बाद उन्होंने कहा कि पूरा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से पूरा किया गया। मतदान के दौरान चुनाव आयोग का एक पर्यवेक्षक मौजूद था औैर पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। नंदल चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी थे।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई के बारे में मीडिया से जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई मुझसे सवाल करता है, मैं अपना जवाब दूंगा।’ अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग की ‘अभूतपूर्व’ कार्रवाई से हालांकि चुनाव के नतीजे प्रभावित नहीं होंगे। चुनाव में भाजपा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार सुभाष चंद्रा विजयी हुए थे जबकि कांग्रेस और इनेलो समर्थित आर के आनंद को हार का सामना करना पड़ा था। आनंद ने इस फैसले का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा, ‘शुरू से ही, हम यह बात कह रहे हैं कि यह चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं था। यह ऐसा मामला है जहां चुनाव मशीनरी खुद ही नाकाम हो गयी। इसलिए विजेता उम्मीदवार के चुनाव को खारिज कर दिया जाना चाहिए।’