पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे समेत 184 पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। भगवंत मान सरकार ने इनसे सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है।
जिन नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई है उनमें पूर्व मंत्री बीबी जागीर कौर, मदन मोहन मित्तल, सुरजीत कुमार रखड़ा, सुच्चा सिंह छोटेपुर, जनमेजा सिंह सेखों, तोता सिंह और गुलजार सिंह रानिके शामिल हैं। पूर्व सांसद और आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष राजीव शुक्ला एक और प्रमुख नेता हैं जिनकी सुरक्षा हटा ली गई है। पंजाब चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे माही गिल और पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के बेटे सिद्धांत की भी सुरक्षा हटा ली गई है।
सरकार के आदेश के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के परिवार की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। इसके अनुसार पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के परिजन और अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह की भी सुरक्षा छिन जाएगी।
सरकार बनाने के बाद यह दूसरा आदेश है जिसमें भगवंत मान सरकार ने पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस लेने की बात कही है। पार्टी के सत्ता में आने के ठीक एक दिन बाद, पंजाब पुलिस ने 11 मार्च को 122 पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया था। जिसमें भारत भूषण आशु, मनप्रीत सिंह बादल, राज कुमार वेरका, ब्रह्म मोहिंद्रा और संगत सिंह गिलजियान का नाम शामिल था। इसमें पूर्व स्पीकर के पी सिंह का भी नाम शामिल था। पंजाब पुलिस ने बताया कि बादल की सुरक्षा 19 सुरक्षाकर्मी कर रहे थे, जबकि आशु की सुरक्षा में 16 सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
कांग्रेस के जिन नेताओं का नाम सूची में आया था, उनमें अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, परगट सिंह, राणा गुरजीत सिंह, सुखबिंदर सरकारिया, तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा और बरिंदरमीत सिंह पहरा थे। अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, जिन्हें 21 जवान मिले हुए थे। ये अब कांग्रेस पीसीसी प्रमुख हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू की भी सुरक्षा हटा ली गई है।