पंजाब में मोगा पुलिस ने कांग्रेस नेता अमरदीप सिंह उर्फ ​​आशु बांगड़ और उनके साथी को कथित धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में गिरफ्तार किया है। कांग्रेस नेता, उनके साथी हरदीप सिंह बरार, मुक्तसर और एक अज्ञात शख्स के खिलाफ कथित तौर पर उन लोगों के लिए जाली कागजात और प्रमाण पत्र बनाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी जो विदेश जाना चाहते थे या बेरोजगार थे।

इनके खिलाफ एएसआई मोहकम सिंह की शिकायत पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 467, 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120-बी (साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके मुताबिक, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बांगड़ अपने साथी बरार के साथ एक गिरोह चला रहे थे, जो उन लोगों के लिए नकली कागजात और प्रमाण पत्र बनाने का काम करता था, जो विदेश जाना चाहते थे या बेरोजगार थे।

मोगा एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि बांगड़ मोगा में मेडिसिटी अस्पताल के सह मालिक हैं और फिरोजपुर के गांव अरमानपुरा के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है और इस मामले में जांच भी चल रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। मोगा एसएसपी ने यह भी बताया कि बरार एक इमिग्रेशन एजेंट है।

फिरोजपुर ग्रामीण से आप उम्मीदवार घोषित किए गए बांगड़ ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर फिरोजपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। पार्टी छोड़ते वक्त बांगड़ ने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी एक मल्टी-नेशनल कंपनी की तरह काम करती है। उन्होंने तब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर चुनाव प्रचार के दौरान अधिक से अधिक पैसा खर्च करने के लिए दवाब डालने का भी आरोप लगाया था और कहा था कि राघव चड्ढा ‘वन-मैन शो’ चला रहे थे।