पंजाब में शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह मिड डे मील में मिल्क पाउडर का इस्तेमाल करें। बता दें कि सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के तहत हफ्ते में एक दिन खीर दी जाती है। पंजाब सरकार के निर्देशों के बाद अब यह खीर मिल्क पाउडर से बने दूध से तैयार की जाएगी। यह पाउडर मिल्क सरकार के कॉ-ऑपरेटिव MILKFED द्वारा विभिन्न स्कूलों को सप्लाई किया जाएगा। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, स्कूल प्रत्येक बच्चे के लिए 7 ग्राम मिल्क पाउडर का इस्तेमाल करेंगे। इस मिल्क पाउडर की कीमत 273 रुपए किलो है। मिल्क पाउडर की कीमत सरकार द्वारा मिड-डे मील के राशन के लिए तय की गई कीमत से MILKFED को दी जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, पंजाब सरकार ने यह फैसला बच्चों के लिए क्वालिटी फूड देने के उद्देश्य से लिया है। बता दें कि अभी तक स्कूल स्थानीय डेयरी और दुकानों से दूध खरीदते थे, जिसकी क्वालिटी भी चेक नहीं की जाती थी। इसके साथ-साथ पंजाब में मिलावटी दूध की बिक्री भी एक समस्या है। यही वजह है कि सरकार नहीं चाहती कि बच्चों को भी मिलावटी दूध से बनी खीर खाने को मिले। हालांकि MILKFED सिर्फ उन्हीं सरकारी स्कूलों को मिल्क पाउडर सप्लाई करेगा, जिनमें बच्चों की संख्या 150 या उससे भी ज्यादा है। ऐसे में माना जा रहा है कि 150 से कम बच्चों वाले स्कूलों को अपने स्तर पर ही दूध का इंतजाम करना होगा।

सरकार के इस फैसले को कई अध्यापकों ने सराहा है। मनसा के एक सरकारी स्कूल में अध्यापक अमरजीत सिंह का कहना है कि कुछ स्कूल पहले से ही मिल्क पाउडर का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि यह इस्तेमाल करने और स्टोर करने में आसान है। इसके साथ ही बच्चों को इसका टेस्ट भी पसंद है और इससे बनी खीर वह बड़े चाव से खाते हैं। पंजाब के शिक्षा निदेशक (एलीमेंट्री एजुकेशन) इंदरजीत सिंह का कहना है कि हमने सरकारी स्कूलों में मिल्क पाउडर सप्लाई करने का फैसला किया है। दूध की क्वालिटी हमारी चिंता का कारण है, खासकर मिलावटी दूध की खुलेआम बिक्री इसकी बड़ी वजह है। वहीं मिल्कफेड का पाउडर कई जांच के बाद तैयार किया जाता है। हालांकि मिल्क पाउडर की चोरी सरकार के लिए एक समस्या हो सकती है, जिसका समाधान खोजने का प्रयास किया जा रहा है।