पंजाब के संगरूर जिले में भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) का पिछले 20 दिनों से धरना चल रहा था। लेकिन अब ये धरना किसान यूनियन ने खत्म कर दिया। किसान यूनियन का धरना मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के ठीक पास में ही चल रहा था। किसान 9 अक्टूबर से धरने पर बैठे थे। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं की मुलाकात पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल के साथ हुई और उसके बाद किसानों ने धरना खत्म करने का फैसला किया।

द ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि किसान, जिन्होंने विरोध स्थल पर राशन, गद्दे, एलपीजी सिलेंडर और अन्य आवश्यक सामान इकट्ठा कर लिया था, उन्होंने घर लौटने से पहले एक विशाल ‘विजय सभा’ की योजना बनाई। हालांकि अभी तक किसी का आधिकारिक बयान इस मामले पर नहीं आया है। बीकेयू नेता जोगिंदर सिंह उगराहन ने कहा कि सरकार ने पहले ही उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया था, लेकिन कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया था। लेकिन अब उन्होंने ब्योरा दिया है कि हमारी 12 मांगें कब और कैसे पूरी होंगी।

किसानों ने अपनी मांगों में क्षतिग्रस्त फसलों के लिए मुआवजा, लंपी वायरस के कारण मवेशियों की मौत, प्रति एकड़ खरीद पर सीमा को हटाना, खनन अधिनियम से छूट, भूमि अधिग्रहण के लिए अधिक मुआवजा, मंसूरवाल गांव में एक शराब निर्माण इकाई को बंद करना शामिल है। इसके साथ ही पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करना, पराली को जलाए बिना प्रबंधन के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल का ‘बोनस’ और मक्का और मूंग के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने ट्वीट कर कहा, “भगवंत मान हमेशा से ही किसानों की जायज चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहे हैं। आय में लगातार गिरावट को रोकने के लिए सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। हम किसान संघ द्वारा अपनी हड़ताल (एसआईसी) को वापस लेने के फैसले का स्वागत करते हैं।” बता दें कि पंजाब सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करेगी

सूत्रों के अनुसार कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल के नेतृत्व में सरकार किसानों के साथ समझौता कर चुकी है। इसके साथ ही सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए लिखित रूप में समय का ब्योरा दिया है। सरकार ने किसान संगठन को भरोसा दिलाया कि किसानों की शराब फैक्ट्री बंद करने की मांग को भी 3 महीने के भीतर हल कर लिया जाएगा।