पटियाला के एक वकील ने आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बेटी सीरत कौर मान को खालिस्तान समर्थकों से अपमानजनक फोन आए। सीएम मान की पूर्व पत्नी इंद्रप्रीत कौर ग्रेवाल ने वकील हरमीत बराड़ की फेसबुक पोस्ट शेयर की, जिसमें पूछा गया था कि क्या बच्चों को धमकाना और गाली देना उन्हें खालिस्तान दिला देगा।
पोस्ट में कहा गया है कि भगवंत मान की बेटी को खालिस्तान समर्थक तत्वों से अपमानजनक कॉल आए और ऐसे समूह अमेरिका में मुख्यमंत्री के बच्चों का घेराव करने और उन्हें परेशान करने की योजना बना रहे थे। बराड़ ने लिखा, “बच्चों को डरा धमकाकर और गालियां देकर क्या आप खालिस्तान को इस तरह हासिल करने जा रहे हैं? ऐसे लोग सिख धर्म के नाम पर एक धब्बा हैं।” पोस्ट को और साझा करते हुए इंद्रप्रीत ने घटना की पुष्टि की और लिखा, “धन्यवाद, मैं वास्तव में इसकी सराहना करती हूं।” गौरतलब है कि इंद्रप्रीत कौर ग्रेवाल जो अपने दो बच्चों के साथ अमेरिका में रहती हैं, उनका और भगवंत मान का तलाक हो चुका है।
भगवंत मान की बेटी को खालिस्तान समर्थकों ने किया कॉल
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वकील हरमीत बराड़ ने कहा, “मैंने इंद्रप्रीत से फोन पर बात की और उन्होंने मुझे बताया कि सीरत को अमेरिका में खालिस्तान समर्थक तत्वों से धमकी भरे कॉल आए। उन्होंने उसके साथ बेहद अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। अमेरिका के एक गुरुद्वारे में कुछ प्रस्ताव भी पारित किया गया है जिसमें खालिस्तान समर्थकों से पंजाब की स्थिति को लेकर दोनों बच्चों का घेराव करने को कहा गया है। ऐसे तत्वों को अमेरिका में सीएम के बच्चों को परेशान करने का अधिकार किसने दिया है? यहां जो कुछ हो रहा है उससे उन्हें क्या लेना-देना?”
अकाल तख्त का पंजाब सरकार को अल्टीमेटम
गौरतलब है कि भगवंत मान और इंद्रप्रीत साल 2015 से अलग रहने लगे थे और बाद में उनका तलाक हो गया था। अब मान की शादी डॉक्टर गुरप्रीत कौर मान से हुई है। वहीं, दूसरी ओर अकाल तख्त ने पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दिया है। अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अकाल तख्त ने भगवंत मान सरकार और केंद्र के खिलाफ बयान जारी किया है। अकाल तख्त की ओर से सवाल किया गया है कि हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है?
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सिख युवकों को रिहा करने के लिए राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।