पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक रिटायर्ड आर्मी अफसर के घर पर तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत पर एकजुटता दिखाने की वजह से इस हरकत को अंजाम दिया गया है। घटना नादिया जिले के हरिनघाटा की है। जिन पूर्व सैन्य अधिकारी के घर तोड़फोड़ की उन्होंने अपने जीवन के 35 साल भारतीय सेना के साथ बिताए हैं। वे करगिल युद्ध के दौरान भी देश की सेवा कर रहे थे।

क्या कहा पूर्व सैन्य बेटे ने: पूर्व सैन्य अधिकारी के बेटे अरुनवा ने कहा, ‘मेरे पिता सेना की पोस्टल सर्विस में थे। हमने 2014 में हरिनघाटा में घर बनाया था और 2016 में पिता की रिटायरमेंट के बाद इस घर में रहना शुरू किया था। हमें पड़ोसियों से कभी किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। ऐसे में यह सब हैरान करने वाला था। लगता है कुछ लोग सेना के सम्मान में कैंडल मार्च करने से नाराज थे।’

क्या था पूरा मामला : उल्लेखनीय है कि पूर्व सैन्य अधिकारी ने पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में 40 CRPF जवानों की शहादत के बाद अपने घर कैंडल जलाए थे। इसके बाद परिवार ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी पोस्ट की थी। उनके बेटे ने बताया, ‘मैं रात की डेढ़ बजे तक जगा हुआ था। मैंने दरवाजे, खिड़कियां सब देखे थे, तब तक सबकुछ ठीक था। उसके बाद ही ये सब हुआ होगा।’ इस संबंध में हरिनघाटा पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने कहा कि इस संबंध में जांच की जा रही है। गौरतलब है कि गुरुवार को पुलवामा के अवंतीपुरा में हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही पूरा देश गुस्से में है। देशभर में लोग विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च का आयोजन कर रहे हैं।