जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए दर्दनाक फिदायीन हमले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का भी एक जवान शामिल है। देश के लिए जान कुर्बान करने वाले जांबाज रमेश यादव को खोने के बाद यहां के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया और हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का पुतला फूंका।
गुरुवार का दिन भारत के लिए काला दिन साबित हुआ। वाराणसी के चौबेपुर अंतर्गत तोफापुर निवासी रमेश यादव के शहीद होने की सूचना CRPF हेडक्वाटर से उनके परिजनों को फोन द्वारा दी गई। शहीद होने की सूचना रमेश के परिजनों को मिली तो पूरे इलाके में मातम छा गया। गांव के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा तो हुआ पर आंखों से आंसू छलकते रहे।
डेढ़ वर्ष के बेटे ने खो दिया पिताः रमेश का एक डेढ़ साल का बेटा है। बेटे आयुष को एक पैर में तकलीफ है। मंगलवार को ही वो छुट्टी से वापस ड्यूटी पर गए थे। तब रमेश ने अगली बार आने पर बेटे का इलाज करवाने की बात कही थी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था, पिता का ये वादा अधूरा ही रह गया। गांव वालों को रमेश के पार्थिव शरीर का इंतजार है।
पत्नी से बोले थे मैं देश का ख्याल रखूंगा, तुम घर काः हादसे से कुछ देर पहले ही रमेश ने पत्नी रेणु और परिजनों से फोन पर बात की थी। उन्होंने बताया कि वह जम्मू कैम्प से श्रीनगर जा रहे हैं और वहां पहुंचकर फिर बात करेंगे। लेकिन फिर फोन नहीं शहादत की खबर आ गई। पत्नी से बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘तुम घर का ध्यान रखना, मैं देश का रखूंगा।’ दोनों की पांच साल पहले ही शादी हुई थी।
राज्यमंत्री ने दी सांत्वनाः शुक्रवार की सुबह योगी सरकार के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल राजभर शहीद रमेश यादव के आवास पर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने मृतक के पिता से कहा कि रमेश का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि रमेश के भाई को नौकरी और सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता राशि प्रदान की जाएगी।