17वीं सदी के प्यार के स्मारक ताजमहल को प्रदूषण से होने वाले खतरे को उजागर करने के लिए पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने रविवार को यमुना नदी के किनारे पोस्टरों व बैनर के साथ जुलूस निकाला। कार्यकर्ता देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि इस गर्म मौसम में ताज को लगातार नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि नदी का तल सूख चुका है। उन्होंने कहा, “हालांकि, योगी सरकार ने यमुना पर ताजमहल की प्रवाह की दिशा में एक बैराज की घोषणा की है, लेकिन इसकी आधारशिला रखने के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है।”
प्रदर्शनकारियों ने कहा, “हम नदी में पानी का बेरोक प्रवाह चाहते हैं, जिससे ताजमहल, आगरा किला, एतिमाद-उद-दौला मकबरे और राम बाग में बदलाव सुनिश्चि हो और वायु प्रदूषण में कमी लाई जा सके।” नदी जोड़ो अभियान के रंजन शर्मा व शैलेंद्र सिंह नरवार ने आईएएनएस से कहा, “हम बीते कई सालों से जुलूस निकाल रहे हैं और बैठकें कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ भी काम नहीं हुआ, जहां बहुत से विश्व विरासत स्मारक हैं।”
जुलूस के आयोजकों ने कहा कि यमुना नदी के तल की सफाई की जरूरत है। नदी कार्यकर्ता राहुल राज व दीपक राजपूत ने कहा, “टनों पॉलीथिन व जूतों के कारखानों से निकलता चमड़े के कण मिला पानी को रोके हुए है और नदी को प्रदूषित कर रहा है।”