मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने गुरुवार को प्रीति राठी एसिड अटैक मामले में दोषी अंकुर पंवार को मौत की सजा सुनाई है। पंवार को आईपीसी की धारा 302(हत्या) और 326 बी के तहत दोषी ठहराया गया था। दिल्ली निवासी प्रीति पर होटल मैंनेजमेंट से स्नातक पंवार ने मई 2013 में तेजाब फेंका था। इसके बाद प्रीति के महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और उनकी मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक प्रीति को रक्षा मंत्रालय के तहत आइएनएचएस अश्विनी अस्पताल में नर्स की नौकरी मिल गई थी और पंवार को प्रीति का अच्छा करियर बनने के कारण उससे जलन थी। इसी जलन के कारण उसने प्रीति पर तेजाब फेंका था। प्रीति जैसे ही बांद्रा टर्मिनल्स पर उतरीं पंवार ने उसके चेहरे पर एसिड फेंक दिया गया। प्रीति को 2 मई 2013 को अपनी ड्यूटी ज्वाइन करनी थी।
अंकुर लाल पंवार को बुधवार को इस मामले में दोषी करार दिया गया था। तकरीबन एक साल की सुनवाई के दौरान 37 गवारों के बयान लिए गए। स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर उज्जवल निकम ने दोषी के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। उधर अदालत के बाहर पंवार की मां कैलाश ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनके बेटे को मामले में फंसाया गया है। उन्होंने कहा, ‘हम गरीब हैं इसलिए हमें फंसाया गया। मैं मामले की सीबीआइ जांच की मांग करती हूं।’
कैंसर की बीमारी से जूझ रहे प्रीति के पिता अमर सिंह राठी ने मंगलवार को कहा था कि पंवार को मौत की सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘हमें तीन साल बाद जाकर न्याय मिला है। न्याय मिला इसकी मुझे खुशी है लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि उसे मौत की सजा मिले।’
Read Also: प्रीति राठी तेजाब हमले का आरोपी दोषी करार

