केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय मानसून अभियान के तहत मानसून की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भारत और ब्रिटेन के वैज्ञानिक एक संयुक्त उपक्रम पर काम कर रहे हैं और 2019 तक किसानों को ब्लाक स्तर पर भी मौसम का सही अनुमान बताया जा सकेगा।

भू-विज्ञान मंत्रालय का भी जिम्मा संभाल रहे हर्षवर्धन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय मानसून मिशन के तहत आने वाले समय में किसानों को मानसून की सटीक जानकारी दी जाएगी और मंत्रालय 2019 तक ब्लाक विशेष में भी मानसून की जानकारी उपलब्ध कराने की स्थिति में आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस वक्त देश के नौ करोड़ 30 लाख में से एक करोड़ 13 लाख किसानों को ही संदेशों के माध्यम से मौसम की जानकारी दी जा रही है। इससे वे बारिश से होने वाले फसलों के नुकसान से बचने की तैयारी कर लेते हैं। इससे अब तक लगभग 42 हजार करोड़ रुपए की फसलें बचाई जा सकी हैं। आने वाले समय में देश के सभी किसानों को इसका फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मिशन के तहत ब्रिटेन में बने एक अत्याधुनिक विमान का इस्तेमाल किया जा रहा है। करीब 500 फुट की ऊंचाई पर भी उड़ने में सक्षम यह विमान मौसम के मिजाज की लगभग हर बारीकी को भांपने में सक्षम है। भारत भी अगले दो साल के अंदर ऐसे विमान को अपने यहां बनाएगा।

हर्षवर्धन ने बताया कि इस विमान से मौसम का मिजाज जानने का अभियान बीते आठ जून को शुरू हुआ था और यह इस महीने के अंत तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर आइआइटी-कानपुर, आइआइटी अमदाबाद सहित देश के अनेक प्रमुख तकनीकी संस्थानों के वैज्ञानिक और ब्रिटेन के वैज्ञानिक मिल कर काम कर रहे हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि सुनामी के अनुमान के मामले पर भारत ने जो योग्यता विकसित की है, वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की है। भारत समुद्र से घिरे और अन्य तटीय देशों को सुनामी के बारे में अनेक सूचनाएं साझा करता है।