उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हिंसा के ‘मास्टरमाइंड’ जावेद अहमद के घर योगी सरकार ने बुलडोजर कार्यवाही की। इस मुद्दे पर न्यूज़ चैनल आजतक पर एक टीवी डिबेट के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता अभिषेक सोम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायलय को स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

एंकर ने अभिषेक सोम से पूछा कि आप क्यों कहते हैं कि सरकार ने ये कार्रवाई बदले की भावना से की है? जिसके जवाब में सपा नेता ने कहा, “उपद्रवी और दंगाई का कोई धर्म नहीं होता उसे सजा मिलनी ही चाहिए। लेकिन जो लोग कट्टर हिंदुत्व की बात करते हैं, धर्मांतरण और घर वापसी कराने की बात करते हैं उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि नरसिंहानंद सरस्वती जैसे लोग भी देश के लिए खतरा हैं उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

अभिषेक सोम ने आगे कहा, “उन पर एफ़आईआर हुई है लेकिन उनके साथ जितने भी लोग जुड़े हैं उनकी भी संपत्ति की जांच होनी चाहिए, उन पर भी बुलडोजर चलना चाहिए। वो भी तो समाज के लिए खतरा हैं। उन्होंने आगे कहा, “इंस्पेक्टर सुबोध कुमार जैसे लोगों को बीजेपी ने ब्लॉक प्रमुख बना दिया। वो बुलंदशहर हिंसा में आरोपी थे, लेकिन उनके घर चिन्हित कर यूपी सरकार ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की।”

बदले की भावना से कार्रवाई: सपा नेता ने कहा कि ये कार्रवाई बदले की भावना से की गयी है। उन्होंने आगे कहा, “सरकार पत्थरबाजों पर तुरंत एक्शन लेती है एफ़आईआर करती है और उनके घरों पर बुलडोजर चलती है तो इसमें न्यायपालिका कहां है? क्या उसकी कोई भूमिका नहीं है?” ये एक समाज के लोगों को डराने के लिए और 2024 चुनाव के लिए एजेंडा है।

वहीं दूसरी ओर बीजेपी विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह से एंकर ने सवाल किया कि क्या एक आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने से कई लोग डरेंगे? जिसके जवाब में सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, “मैं खुद इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करते हुए पीडीए के अधिकारियों से कहता हूं कि लोगों को समय दीजिए। अगर वो अपनी गलती मानते हुए अवैध निर्माण का दाम चुकाते हैं तो सहानुभूति दर्शाते हुए उनके साथ हमको डील भी करना चाहिए। लेकिन अगर वो अवैध को वैध करने के सरकारी तरीके नहीं अपनाते हैं तो फिर उनका घर तोड़ना चाहिए ताकि आने वाले समय में उन्हें सबक मिले।”

सिद्धार्थनाथ सिंह से एंकर ने सवाल किया कि क्या पत्थरबाज़ी के सभी आरोपियों के घर पर चलेगा बुलडोज़र? जिसके जवाब में बीजेपी नेता ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। पहले आरोपियों को पहचान कर चिन्हित किया जाएगा और उसमें जो आरोपी साबित होंगे उन्हें कानून के हिसाब से सजा दी जाएगा और जो नहीं हैं उन्हें छोड़ा भी जाएगा।