10 डिग्री तापमान में भी दिखा जोश : मंगलवार तड़के प्रयागराज में तापमान 10 डिग्री से भी कम था। वहीं, नदी का पानी एकदम बर्फीला था, लेकिन इसकी वजह से श्रद्धालुओं में संगम में स्नान का जुनून कम नहीं हुआ। लोगों ने जमकर त्रिवेणी में डुबकी लगाई। मेले में शामिल होने के लिए साधु-संत अमेरिका तक से आए थे। इसके अलावा देश के अलग-अलग कोनों से आने वाले श्रद्धालु भी मौजूद रहे।
प्रयागराज कुंभ में स्नान करते श्रद्धालु (फोटोः कुमारसंभव)अंधेरी रात में हुआ दिन जैसा अहसास : कुंभ मेले में चारों तरफ लाइटों की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। ऐसे में रात 2 बजे स्नान का दौर शुरू हुआ तो श्रद्धालुओं को अंधेरे का सामना नहीं करना पड़ा। चारों तरफ इतनी रोशनी थी कि दिन जैसा अहसास हो रहा था।

दिन चढ़ा तो बढ़े श्रद्धालु : रात दो बजे से संगम तट पर श्रद्धालुओं का तांता कम नहीं था, लेकिन असल भीड़ बढ़ी सुबह करीब 10 बजे से। अचानक आई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नजर आई। जैसे ही किसी भी पुल पर भीड़ बढ़ती तो बाकी लोगों को दूसरी तरफ डायवर्ट कर दिया जाता। ऐसे में लोगों को धक्का-मुक्की जैसी दिक्कत से जूझना नहीं पड़ा।

2 दिन की संक्रांति में उलझे श्रद्धालु : मेला आयोजकों की मानें तो कुंभ मेले के पहले दिन करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था, लेकिन संक्रांति दो दिन पड़ने की वजह से 14 और 15 जनवरी के बीच श्रद्धालु बंट गए। ऐसे में 14 जनवरी को करीब 10-12 लाख लोगों ने संगम में स्नान किया। वहीं, 15 जनवरी को करीब 80 लाख श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे।
भीड़ बढ़ने पर बंद किया अक्षयवट : आयोजकों के मुताबिक, दोपहर तक प्रयागराज में करीब 65 लाख लोग पहुंच चुके थे। इस दौरान संगम पर काफी भीड़ हो गई, जिसके चलते अक्षयवट मंदिर को बंद कर दिया गया। हालांकि, बड़े हनुमान जी का मंदिर खुला रहा। यहां मंगलवार होने के चलते रोजाना से काफी ज्यादा भीड़ देखी गई।
4 किमी लंबा था जूना अखाड़े का काफिला : सबसे बड़े जूना अखाड़े के साधुओं के शाही स्नान का वक्त सुबह 8 बजे था। इस अखाड़े का काफिला करीब 4 किमी लंबा था। ऐसे में जूना अखाड़े के बाद अन्य अखाड़ों के लिए 10:40 बजे का वक्त तय किया गया था।
हेलिकॉप्टर से बरसे फूल : नागा साधुओं के शाही स्नान के दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। इसे लेकर लोगों में काफी उत्साह रहा। वे काफी देर तक हेलिकॉप्टर के दूसरे चक्कर का इंतजार करते रहे। हालांकि, हेलिकॉप्टर तो दिनभर मेला एरिया के चक्कर काटता रहा, लेकिन दोबारा पुष्प वर्षा नहीं की गई।