डाक विभाग ने आरटीआइ फीस के भुगतान के लिए एक विशेष स्टाम्प जारी करने की संभावना पर गौर करने के लिए एक नई समिति का गठन किया है। इस विचार को एक पूर्ववर्ती समिति ने खारिज कर दिया था। विभाग ने आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को बताया है, ‘सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून 2005 लागू करने के लिए नोडल प्राधिकारी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने संलग्न रिपोर्ट में विभिन्न मुश्किलों के चलते आरटीआइ फीस के तौर पर डाक टिकट या आरटीआइ स्टाम्प के इस्तेमाल की सिफारिश नहीं की है।’
डाक विभाग ने कहा कि उसे सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से आरटीआइ फीस के भुगतान के लिए एक विशेष स्टाम्प इस्तेमाल की व्यावहार्यता पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
डाक विभाग, डीओपीटी और सीआइसी के प्रतिनिधियों वाली एक पूर्ववर्ती समिति का निष्कर्ष था कि आरटीआइ के तहत प्रभारित राशि एक फीस है जो डाक अनुच्छेद से संबंधित नहीं है। इसलिए वर्तमान भारतीय डाक कानून 1898 के तहत डाक टिकट का इस्तेमाल आरटीआइ फीस या खर्च के भुगतान के लिए नहीं किया जा सकता।