UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में 21 अक्टूबर को डेंगू के एक मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसमी का जूस चढ़ाने की वजह से मौत हो गई थी। इस खबर के दावे का एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार (26 अक्टूबर) को खंडन कर दिया। प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट संजय खत्री ने बताया कि मरीज को खराब प्लेटलेट्स का पैकेट दिया गया था जिसकी वजह से उसकी मौत हुई थी। खत्री ने बताया, “हमने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई थी। उनकी रिपोर्ट में पाया गया कि मरीज को खराब प्लेटलेट्स दिए गए थे। हम इस जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं।”

इसके पहले 21 अक्टूबर को 32 वर्षीय मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उन्हें प्रयागराज के ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में एक बिचौलिए के माध्यम से ‘प्लाज्मा’ के रूप में चिह्नित बैग में मीठा नींबू का रस दिया गया था। मरीज के परिवार का आरोप है कि एक बैग से खून चढ़ाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उन्हें दूसरे निजी अस्पताल में ले जा कर भर्ती करवाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। परिवार ने कहा, वहां डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि ‘प्लेटलेट’ बैग नकली था और वास्तव में रसायनों और मीठे चूने या ‘मौसमी’ के रस का मिश्रण था।

मामले के बाद अस्पताल सील किया गया

21 अक्टूबर को इस मामले के बाद सामने आने के बाज जब सीएमओ से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया था, “परिवार के पास अभी भी चढ़ाई गई प्लेटलेट्स की एक यूनिट बची है। प्लेटलेट्स की आखिरी यूनिट जो परिवार के पास है उसकी जांच की जाएगी। निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार शाम अस्पताल को सील कर दिया गया था। ये जांच खत्म होने तक सील रहेगा।” वहीं इस मामले में प्रयागराज के एसएसपी शैलेश पांडे ने कहा था, “हम ब्लड और प्लेटलेट्स की अवैध आपूर्ति में शामिल गिरोहों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले हमने ब्लड और प्लेटलेट्स की अवैध आपूर्ति के आरोप में 12 लोगों को जेल भेजा था।”

यूपी सरकार ने दिए थे अस्पताल ढहाने के आदेश

प्रयागराज के एक अस्पताल में डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी जूस चढ़ाए जाने के मामले में आरोपी अस्पताल पर बुलडोजर चलने की तैयारी है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अस्पताल प्रबंधन नोटिस जारी कर दिया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जांच में पाया कि आरोपी के अस्पताल की बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं हुआ था। इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए और अस्पातल की जांच शुरू हुई। जांच में पाया गया कि ग्लोबल हॉस्पिटल के भवन के नक्शे को मंजूरी नहीं मिली है। इसके बाद इसे ध्वस्त करने का नोटिस जारी कर दिया गया है।