मध्य प्रदेश के उमरिया में कचरे की गाड़ी में शव ले जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि जिले के चंदिया नगर परिषद में शव वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण पुलिस ने यह कदम उठाया। पुलिस का कहना है कि एंबुलेंस मौजूद नहीं थी। ऐसे में कचरा ढोने वाली गाड़ी का इस्तेमाल किया गया। वहीं, नगर परिषद का दावा है कि उनके पास दूसरा विकल्प ही नहीं है। बताया जा रहा है कि युवक ने आत्महत्या की थी और पुलिस उसकी डेडबॉडी पोस्टमॉर्टम के लिए ले जा रही थी।

लाश उठाने के लिए शव वाहन की जगह कचरा वाहनः चंदिया पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक एम एल वर्मा के अनुसार, ‘यहां शव वाहन की व्यवस्था नहीं है। जब भी कोई घटना या दुर्घटना होती है, नगर परिषद से वाहन व्यवस्था करने को कहा जाता है। वे लोग जो वाहन भेज देते हैं उसी से शव भेजना मजबूरी है।’ बता दें कि एक सप्ताह पहले भी अशोक नगर में ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां डेडबॉडी को ऐसे ही ले जाया गया था। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए घटना की जांच के आदेश दिए थे।

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नगर परिषद भी व्यवस्था पर लाचारः इस मामले में नगर परिषद के उपाध्यक्ष अनुपम चतुर्वेदी ने बताया, ‘हमने कई बार परिषद में प्रस्ताव रखा है। आज तक कोई भी कार्रवाई उस पर नहीं हुई। मुझे खुद ही बुरा लगता है कि इंसान का शव कचरा वाहन में ले जाया जाता है। मजबूरी में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए कचरा वाहन में शव भेजते हैं। यदि कोई वैकल्पिक व्यवस्था होती तो कचरा वाहन में शव नही भेजा जाता।’ वर्मा ने यह भी कहा कि पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।