केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सभी लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपए आ जाएंगे। महाराष्ट्र के सांगली में उन्होंने कहा कि सरकार के पास फिलहाल इतनी बड़ी रकम नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से पैसा मांगा जा रहा है, लेकिन केंद्रीय बैंक दे नहीं रहा है। उनका कहना है कि आरबीआई से पैसे लेने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। अठावले ने कहा कि यह (सभी के खातों में 15 लाख रुपये) एक साथ संभव नहीं हो सकेगा, लेकिन धीरे-धीरे सभी के खातों में पैसे चले जाएंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के आम चुनाव से पहले प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि उनके सत्ता में आने पर कालाधन रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे सभी लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपए आ जाएंगे। रामदास अठावले ने इसी संदर्भ में यह बयान दिया है। मालूम हो कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी लोगों के खातों में 15 लाख रुपये आने का मुद्दा फिर से गर्माने लगा है।
इस मुद्दे पर दायर हो चुकी है जनहित याचिका: सभी के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये आने के नरेंद्र मोदी के बयान पर जनहित याचिका भी दायर की जा चुकी है। वर्ष 2016 में एक याची ने जनहित याचिका दायर कर पूछा था कि उसके खाते में कब तक 15 लाख रुपये आ जाएंगे। हालांकि, इस मुद्दे पर विवाद गर्माने के बाद मोदी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी को सफाई देनी पड़ी थी। उन्होंने कहा था कि सभी के बैंक खातों में 15 लाख रुपये देने का वादा नहीं किया गया था, बल्कि यह महज एक चुनावी जुमला था।
बीजेपी-शिवसेना के बीच मध्यस्थता को तैयार: रामदास अठावले ने चुनावी गठजोड़ को लेकर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना को अगला लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ना चाहिए। दोनों पुराने सहयोगियों के बीच तल्ख रिश्तों को देखते हुए अठावले ने कहा कि चुनाव से पहले दोनों दलों को मिलकर सीटों का बंटवारा कर लेना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने की स्थिति में जिसके पास ज्यादा विधायक हो मुख्यमंत्री भी उसी का होना चाहिए। या फिर ढाई-ढाई साल सीएम होने का फॉर्मूला होना चाहिए।’