”आज मिर्जापुर में हमरे बदे बहुत गर्व का बात बा जगतजननी माई विंध्यवासिनी के गोदी में तोहई सबके देखी के हम के बहुत खुशी बा…तुम सबे हमें बहुत देर से जोहत रह…एकरे खातिर हम पांव छुई के प्रणाम करत हई…आज इतना भीड़ देखि के हमके विश्वास होई गवा कि माई विंध्यवासिनी का कृपा हमरे ऊपर बना बा और आप लोगन का कृपा से आगे भी एसई बना रहे”, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पूर्वाचल के अपने दो दिवसीय दौरे के चलते रविवार (15 जुलाई) को यूपी के मिर्जापुर में जनता को संबोधित किया तो शुरूवात कुछ इस तरह की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह हुनर मौजूदा राजनीति में उन्हें दूसरे नेताओं से अलग और लोकप्रिय बनाता है। पीएम मोदी को अक्सर क्षेत्र के हिसाब से वहां की स्थानीय बोली में भाषण का संबोधन करते हुए देखा और सुना गया है। मिर्जापुर में भी जब पीएम मोदी ने भोजपुरी में जनता से बात की तो उसका प्रभाव साफ देखा गया। जनता के चेहरे खिल उठे। स्थानीय बोली में बात करने की बात बहुत छोटी लग सकती है लेकिन इसका बड़ा असर होता है, इस बात से शायद ही कोई इनकार करे।

बात बहुस सीधी है- ”माई विंध्यवासिनी के गोदी में तोहई सबके देखी हमें बहुत खुशी बा..” लेकिन इसका असर बड़ा है। पीएम मोदी की एक खासियत यह भी है कि वह स्थानीय बोली के साथ साथ उस जगह की विशेषताओं का जिक्र करना कभी नहीं भूलते हैं, इसके कई फायदे हैं, जैसे कि भाषण बोझिल नहीं लगता और स्थानीय लोगों को भी बात आसानी से समझ में आती जाती है। कई बार तो वह मंचों पर प्रांत विशेष की पोशाकें भी पहने हुए नजर आ जाते हैं। ये बातें बहुत छोटी है लेकिन एक मझे हुए नेता की यही निशानी भी है।

वीडियो में पीएम मोदी का भाषण 41:35 मिनट से सुना जा सकता है।

बता दें कि मिर्जापुर में पीएम मोदी ने बाणसागर परियोजना का उद्घाटन किया। इस परियोजना से मिर्जापुर और इलाहाबाद के उन किसानों को लाभ मिलेगा जो सिंचाई की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने मिर्जापुर के मेडिकल कॉलेज का भी शिलान्यास किया। करीब दशक भर में बने मिर्जापुर और वाराणसी को जोड़ने वाले पुल का भी उद्घाटन किया गया। इससे पहले शनिवार (15 जुलाई) को पीएम मोदी ने आजमगढ़ में जनता को संबोधित किया था और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया था। पीएम ने वाराणसी में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।