प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महत्वकांक्षी परियोजना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास किया। पीएम ने खुद कुदाल चलाकर भूमि पूजन किया। यह प्रोजेक्ट 600 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है। बता दें कि शुक्रवार को पीएम अपने 19वें दौरे पर पीएम काशी में थे। इस मौके पर उनके साथ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय थे। आइए जानते हैं कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना क्या है और इसकी क्या पूरी रूपरेखा है।

क्या है काशी विश्वनाथ परियोजनाः बाबा दरबार में पहुंचे पीएम ने पंचोपचार विधि से काशी विश्वनाथ का पूजन व आरती किए। इसके बाद उन्होने काशी विश्वनाथ धाम के कॉरिडोर की नींव रखीं। रिपोर्टस के मुताबिक करीब 40 हजार वर्गमीटर इलाके में बन रहे इस कॉरिडोर पर 600 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने इस परियोजना के तहत आने वाले करीब 300 मकानों को खाली करा लिया है। पीएम ने बीएचयू से आग्रह कर पूरे प्रॉजेक्ट को केस स्टडी करने की भी बात कही है। उनका मानना है कि एक तरफ काम होता रहे, दूसरी तरफ परिसर के निर्माण को लेकर केस स्टडी भी चलती रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना में
(फोटो सोर्स : ANI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना में (फोटो सोर्स : ANI)

कॉरिडोर की पूरी रूपरेखाः 600 करोड़ रुपए की विश्वनाथ धाम कॉरिडोर योजना के तहत करीब चालीस हजार स्क्वायर वर्ग मीटर भूखंड का अधिग्रहण प्रस्तावित किया गया है जिसमे 350 भवन जद में आये है। 13 मंदिर व चार नगर निगम के भवनों को छोड़ दें तो सिर्फ 279 ही भवन शामिल हैं। फिलहाल कुछ ही मकान अब शेष रह गए जिन्हें मन्दिर प्रशासन द्वारा क्रय करना है। इनमें 27 सेवइत संपत्ति में नौ मंदिर के पक्ष में हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना में (फोटो सोर्स : ANI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना में (फोटो सोर्स : ANI)
ललिता घाट ( फोटो सोर्स : अभिनभ साहा, इंडियन एक्सप्रेस )

चार मार्गों से जुड़ेगा कॉरिडोरः प्रोजेक्ट के मुताबिक विश्वनाथ मंदिर दरबार से मणिकर्णिकाघाट तक बन रहे इस कॉरिडोर में चार रास्ते होंगे। दो रास्ते मंदिर से बाहर आएंगे वहीं एक रास्ता गोदौलिया और दूसरा चौक की ओर जाएगा।

निर्माण कार्य मे होगी तेजीः श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के अनुसार पीएम मोदी ने भूमि पूजन करके शिलान्यास कर दिया है। अब भवनों की खरीद व ध्वस्तीकरण में तेजी लाई जाएगी, वही निर्माण भी नजर आएगी। फिलहाल तत्परता के लिहाज से कारिडोर के दायरे में आ रहे भवनों का जेसीबी से ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। साथ ही मलबा भी ट्रैक्टर आदि से हटाया जा रहा है।

हो चुका है कॉरिडोर का विरोध
इस कॉरिडोर का विरोध भी हो चुका है। पुरानी इमारतों के खरीदने और छोटे मंदिरों को तोड़ने के आरोप भी लगे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत रह चुके राजेंद्र तिवारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था- यहां के गंगा घाटों पर देश के हर हिस्से का प्रतिनिधित्व है। ये जो लाहोरी टोला है वो लाहौर से आने वाले लोगों के लिए बना। यहां इसी तरह बंगाली, दक्षिण भारतीयों और मराठियों के लिए भी टोले हैं। ये लोग इस स्थान के वास्तु को ही बदल रहे हैं। ये धर्म अधिकारी नहीं बल्कि धर्म व्यापारी हैं।