PM Modi Atul Karwal IPS: नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले लंबे वक्त तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान अतुल करवाल (Atul Karwal) के पास उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। मोदी (PM Modi) अक्सर सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर अपने समर्थकों के बीच पहुंच जाते थे। यह देखकर अतुल करवाल (Atul Karwal) ने एक बार उन्हें नियम याद दिला दिए थे। इस किस्से का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक कार्यक्रम में किया था। सितंबर 2020 में प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी के दीक्षांत परेड कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। वहां अतुल करवाल भी मौजूद थे। पीएम ने आईपीएस की तारीफ करते हुए एक रोचक किस्से का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने अधिकारियों से बातचीत में हल्के फुल्के अंदाज में बताया कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो तब आपको ट्रेनिंग देने वाले अतुल करवाल ही मुझे ट्रेनिंग दे रहे थे। वह मेरी सुरक्षा के इंचार्ज हुआ करते थे। पीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री के लिए सुरक्षा के नाम पर जो तामझाम किए जाते हैं, वह मुझे बड़े अटपटे लगते थे, उनमें मैं फिट नहीं बैठता लेकिन मजबूरीवश हमें उनका पालन करना पड़ता था लेकिन कुछ मौकों पर मैं इन नियमों को तोड़ता हुआ अपने लोगों के जाकर मिलने लगता था। भीड़ में पहुंचकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करता था, उनसे हाथ मिलाया करता था।
बकौल पीएम, मेरी इस आदत से सुरक्षा अधिकारियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। वह इस बात से नाराज रहते थे लेकिन कभी इसका जिक्र नहीं करते थे। एक दिन अतुल करवाल ने मुझसे मिलने का समय लिया और जब मिलने के लिए आए तो अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे। पीएम के अनुसार, यह घटना काफी पहले की है उस वक्त अतुल करवाल काफी जूनियर हुआ करते थे। बावजूद उसके, उन्होंने मुझसे आंखों में आख मिलाते हुए कहा था कि आप इस तरह नहीं कर सकते हैं।
पीएम ने बताया कि मैंने इसके जवाब में उनसे सख्त लहजे में पूछा कि मेरी जिंदगी के तुम मालिक हो क्या, तुम तय करोगे क्या कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं। वह बताते हैं कि मेरी इस बात से अतुल जरा भी डिगे नहीं, उन्होंने विनम्रता के साथ मुझसे कहा कि साहब, आप राज्य के मुख्यमंत्री हैं, आप व्यक्तिगत नहीं, आप राज्य की एक संपत्ति हैं और इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे पास, ऐसे में आपको नियमों का पालन करना पड़ेगा। यह मेरा आग्रह रहेगा और मैं नियमों का पालन कराउंगा।
पीएम मोदी ने यह बात अतुल करवाल की अडिगता और विनम्रता के संबंध में कही थी। उन्होंने कहा कि अतुल करवाल ने लोकतंत्र का भी सम्मान किया, उनकी बातों में एक जनप्रतिनिधि के लिए सम्मान भी था और अपना तर्क रखने का विनम्र तरीका भी था। अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया कि यह घटना आज भी मेरे दिमाग में इसलिए स्थिर है क्योंकि अतुल करवाल ने सभी बातों का ध्यान रखते हुए मुझसे अपनी बात कही थी।
इस कार्यक्रम में अतुल करवाल भी मौजूद थे। पीएम के संबोधन के बाद उन्होंने अपनी बात कहने की की अनुमति ली और उस वाक्या को याद करते हुए बताया कि जब मैं आपसे यह निवेदन करने के लिए आया था तो मेरे मन में बहुत डर था, मुझे आशंका थी कि मुझे डांट पड़ सकती है लेकिन लेकिन आपने मेरी पूरी बात सुनी और उसे स्वीकार किया, यह मुझे ताउम्र याद रहेगा।
