कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की शंकाओं के बीच नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर देश में कोरोना की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें कोरोना की तीसरी लहर रोकने का टारगेट दिया है। प्रधानमंत्री की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कोरोना के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दुनिया तीसरी लहर की तरफ तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह हमारे लिए चेतावनी है.
बकौल पॉल, प्रधानमंत्री ने सभी को यह टारगेट दिया है कि किसी भी हाल में देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आनी चाहिए।वीके पॉल कोरोना रोधी वैक्सीन की एक खुराक मृत्यु दर को 82 फीसदी तक कम करने में कारगर है, जबकि वैक्सीन की दोनों खुराकें इसे 95 फीसदी तक कम कर देती हैं।
वीके पॉल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन की झड़ी लग गई. सोशल मीडिया के यूजर सवाल करने लगे कि क्या प्रधानमंत्री ने पहली और दूसरी लहर का टारगेट नहीं दिया था। वहीं कुछ यूजर्स उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियों और कांवड़ यात्रा को लेकर भी सवाल कर रहे हैं। मनीष मिश्रा नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि काश प्रधानमंत्री ने दूसरी लहर के लिए भी टारगेट दिया होता।
शानदार!! काश इनके prime minister ने second wave के लिए भी यही टारगेट दिया होता???
— Manish Misra (@ManishM06638871) July 16, 2021
वहीं मनीष कपूर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर वीके पॉल की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा कि मीडिया की मदद से इस टारगेट तो पूरा कर लिया जाएगा। वैसे भी दूसरी लहर से हमें कोई खास समस्या नहीं थी।
With the help of media, this target will be achieved.
Like we never had a problem on the second wave
— Manish Kapoor (@amkay66) July 16, 2021
एस्ट्राडेरना नाम के यूजर लिखते हैं थाली कब बजानी है ये बताओ।
Thali kab bajane hai, woh batao
— Astraderna (@Virenero1) July 16, 2021
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि देश पर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. जैसे-जैसे समय बीत रहा है हमारे शरीर की एंटीबॉडी कम होती जा रही है और म्यूटेशन आएगा तो इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोरोना के मामलों में उछाल आएगा. उन्होंने कहा कि अभी भी दूसरी लहर पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है लेकिन मामलों में कमी आते ही लोगों की लापरवाहियां बढ़ रही हैं.
