इन दिनों कोर्ट में कई अजीबो-गरीब याचिकाएं दायर हो रही हैं। ऐसी ही एक याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में बोर्ड गेम लूडो को लेकर दायर की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि इस खेल को कौशल के खेल के बजाए किस्मत का खेल घोषित किया जाए। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के केशव मुले ने यह याचिका दी है।

केशव मुले द्वारा दायर इस याचिका के जरिए जोर देकर कहा गया है कि इस गेम के जरिए लोगों को जुए की लत लगाई जा रही है। वहीं ये भी तर्क दिया गया है कि लूडो कौशल नहीं किस्मत का खेल है। उन्होंने कहा है कि इस खेल में लोग दांव पर पैसे लगा रहे हैं। याचिका में मोबाइल एप से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं इसकी सुनवाई 22 जून को होगी।

मुले के मुताबिक लूडो का खेल उसके पांसा गिरने के बाद उस पर आने वाले अंकों पर निर्भर करता है। इस तरह से देखा जाए तो लूडो कौशल नहीं किस्मत का खेल है। इस खेल में लोग जब कुछ दांव पर लगाते हैं तो यह जुए का रूप ले लेता है।

याचिका में कहा गया है कि लूडो एप पर लोग पैसा लगा रहे हैं। लोग पांच-पांच रुपये का दांव लगाते हैं, जिसके बाद विजेता के खाते में 17 रुपये पहुंचते हैं, जबकि तीन रुपये एप के हिस्से में जाते हैं। इसकी गेमिंग स्टाइल पर भी सवाल उठाया गया है और इसे समाज में जुए को प्रमोट करने वाला बताया जा रहा है।

याचिकाकर्ता के वकील निखिल मेंगड़े ने कहा, लूडो के नाम पर जुआ सामाजिक बुराई का रूप ले रहा है। इससे पहले याचिका मजिस्ट्रेट कोर्ट में पहुंची थी। वहां इसे कौशल का खेल मानते हुए एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था।