शादियों का सीजन चल रहा है। इस वक्त देश के हर हिस्से में शादियां हो रही हैं। आए दिन किसी न किसी गांव से बारात निकलती है और दूसरे गांव तक जाती है, लेकिन देश का एक गांव ऐसा भी है जहां पिछले 22 सालों से बारात नहीं निकली थी। आपको यह सुनकर काफी आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन यह सच है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के धौलपुर के राजघाट गांव की। इस गांव में पिछले 22 सालों से किसी भी लड़के की बारात नहीं निकली थी। गांव के लोगों ने 22 सालों बाद 29 अप्रैल को गांव से बारात निकलते देखा। जी हां, साल 1996 के बाद पहली बार पिछले हफ्ते राजघाट गांव के रहने वाले किसी लड़के के घर शहनाई बजी और बारात निकली। गांव के लोगों को 29 अप्रैल का बहुत ही बेचैनी से इंतजार था।

दरअसल, राजघाट गांव के लड़कों को कोई भी परिवार अपनी बेटी देने से मना कर देता था। इस गांव में मूलभूत सुविधाओ का अभाव है। न तो सड़क की सुविधा है, न पानी की और न ही बिजली की। गांव की बदहाली के कारण किसी भी लड़की के परिवार वाले शादी करने से मना कर देते। कोई भी परिवार यह नहीं चाहता कि उसकी बेटी सारी जिंदगी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने पर मजबूर हो। राजघाट में पानी की व्यवस्था भी नहीं है। यहां सरकारी स्कूल में एक हैंडपंप है, जहां खारा पानी आता है। सरकारी योजनाओं के तहत भी इस गांव का विकास नहीं हो सका।

22 साल पहले आखिरी बार कोई लड़की शादी करके इस गांव में आई थी। 29 अप्रैल को पवन नाम के युवक की बारात मध्य प्रदेश के एक गांव के लिए रवाना हुई थी। 22 साल बाद पहली बार कोई बारात निकली, इस वजह से पूरे गांव में खुशी छाई हुई है। राजस्थान का राजघाट पानी, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से महरूम है। यहां के लोगों को सामान्य जीवन जीने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। इस गांव में करीब 40 घर हैं और यहां की आबादी 300 के करीब है।