गुजरात में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले बीजेपी के सामने एक बार फिर से पाटीदार सामने आ खड़े हुए हैं। रविवार को पाटीदार राज्य में संकल्प यात्रा निकालने वाले थे, जिसकी पुलिस से अनुमति नहीं मिली। पाटीदार मांग कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदल कर फिर से सरदार पटेल किया जाए।
पाटीदारों की संकल्प यात्रा रविवार से सुरत से शुरू होने वाली थी जो सोमवार को अहमदाबाद पहुंचती। इससे पहले कि पाटीदार नेता अपनी यात्रा को शुरू कर पाते, पुलिस ने 50 नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। कई पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम का नाम बदलने की मांग को लेकर कई पाटीदार संगठन एक साथ आ गए हैं। जिसके कारण चुनाव से पहले यह आंदोलन राज्य सरकार के लिए चुनौती बनता जा रहा है। पाटीदार नेता धर्मिक मालवीय ने इंडिया टुडे को बताया- “यह लोकतंत्र नहीं है। यह तानाशाही है। रैली शुरू होने से पहले ही हम सभी को हिरासत में ले लिया गया था। सभी को अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया। पीएएएस के संयोजक अल्पेश कथिरिया को भी हिरासत में लिया गया है”।
उन्होंने आगे कहा कि यह आंदोलन यहीं रूकने वाला नहीं है। अगर सरकार ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम नहीं बदला तो पूरे गुजरात में हमारा विरोध तेज हो जाएगा। सरदार पटेल के नाम पर स्टेडियम था और उन्हीं के नाम पर रहना चाहिए।
पाटीदार नेताओं का कहना है कि वो पीएम मोदी का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी को भी सरदार पटेल का अपमान करने का अधिकार नहीं है। स्टेडियम का नाम बदलकर सरकार ने सरदार पटेल का अपमान किया है। जो सही नहीं है।
गिरफ्तारी के बाद, पाटीदार नेता अब स्टेडियम के सामने विरोध-प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के बाद स्टेडियम के पास भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है ताकि पाटीदार नेताओं को रोका जा सके।