गुजरात में पटेलों के आरक्षण के लिए आंदोलन कर चर्चा में आए हार्दिक पटेल को एक दिन की पुलिस हिरासत पर भेज दिया गया है। वह कुछ ही दिन पहले जमानत पर छूटे थे, लेकिन रविवार (6 दिसंबर) को फिर गिरफ्तार कर लिए गए थे। आरक्षण के लिए आंदोलन के दौरान सड़क जाम करने के आरोप में उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले उन्हें भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
22 वर्ष के कॉमर्स ग्रेजुएट हार्दिक पटेल को इससे पहले 18 अक्तूबर को राजकोट पुलिस ने भारत-दक्षिण अफ्रीका एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मैच से पहले गिरफ्तार किया था। उन्होंने मैच के दौरान गड़बड़ी फैलाने की धमकी दी थी। 18 अक्तूबर की शाम को राजकोट की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन उसके फौरन बाद सूरत पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। इस बार पटेल समुदाय के एक युवक को पुलिसकर्मियों को मारने के लिए कथित रूप से उकसाने पर देशद्रोह के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में वह कुछ ही दिन पहले जमानत पर छूटे थे।
कांग्रेस ने गुजरात की आनंदी बेन सरकार पर हार्दिक के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने धमकी दी है कि अगर हार्दिक पटेल पर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो वह आंदोलन करेगी। बता दें कि हाल में संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनावों में हार्दिक पटेल ने खुल कर भाजपा का विरोध किया था और कांग्रेस का साथ दिया था।
गुजरात में पटेल आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट ने थोड़ी राहत दी है। कोर्ट ने हार्दिक और उनके पांच सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए ‘सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने’ के आरोप को रद्द कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने उनके खिलाफ लगाए गए राजद्रोह के मामले को बनाए रखा।