दिल्ली के भव्य राजपथ पर हर साल 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में आम लोग भरपूर उत्साह से भागीदारी करते हैं। इस अवसर पर यहां आने वाले बच्चों, युवक-युवतियों को चेहरे पर तिरंगा रंगवाते हुए देखा जा सकता है और इस काम को अंजाम देने यहां पिछले कई वर्षों से पानीपत के कलाकारों का एक समूह आ रहा है। पानीपत से आए हनी ढींगरा ने बताया, ‘‘मैं सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन यहां आता हूं। पिछले पांच-छह सालों से मैं यहां सुबह-सुबह ही पहुंच जाता हूं। लोग अपने चेहरे पर तिरंगा रंगवाते हैं और इसके लिए मैं पोस्टर कलर का प्रयोग करता हूं।’’

पिछली 26 जनवरी के बारे में ढींगरा ने बताया कि उस बार बारिश हो गई थी तो कम लोगों ने तिरंगा रंगवाया था। हालांकि कुछ लोगों ने अपने एक गाल पर तिरंगा और एक पर अमेरिका का झंडा बनावाया था। लेकिन इस साल मौसम सुहाना सा है तो काफी लोग अपने चेहरे पर तिरंगा बनवा रहे हैं। पिछली परेड में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि थे।

खुद के बालों को रंगीन किए हुए ढींगरा ने बताया कि वह क्रिकेट मैचों में कैंटीन चलाने का काम करते हैं और मैचों के दौरान भी लोगों के चेहरे पर तिरंगा रंगते हैं। हनी ढींगरा के साथ पानीपत के सागर मिगलानी भी यहां लोगों के चेहरे पर तिरंगा बना रहे थे। मिगलानी ने बताया, ‘‘सुबह के समय तो चेहरे के एक तरफ तिरंगा रंगने के 30 रूपये तक मिल जाते हैं, लेकिन परेड देखकर लौटने के समय भी कई लोग चेहरे पर तिरंगा रंगवाते हैं और उस दौरान मुझे एक गाल पर तिरंगा रंगने के दस रुपये तक मिल जाते हैं। कुल मिलाकर एक दिन में पांच से छह हजार रुपये तक की कमाई हो जाती है।’’

आम दिनों में एक कपड़ा मिल में सुपरवाइजर की नौकरी करने वाले मिगलानी ने बताया 15 अगस्त और 26 जनवरी को सवेरे जल्दी दिल्ली पहुंचना पड़ता है क्योंकि लोग सुबह छह बजे से ही यहां जुटने लगते हैं और दोपहर तक उनकी अच्छी कमाई हो जाती है।

उनके साथ पानीपत से ही आए अमित ने कहा कि ज्यादातर युवा लोग चेहरे पर तिरंगा बनवाते हैं। आजकल लोगों के बीच सेल्फी का रुझान है और वे सोशल मीडिया पर तिरंगे वाली फोटो अपलोड करना भी पसंद करते हैं। इसलिए भी लोग तिरंगे का निशान चेहरे पर बनवाते हैं।