लगभग 11 मिलियन यानि 1.10 करोड़ दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि पनामा की एक कानूनी फर्म Mossack Fonseca ने 500 से ज्यादा भारतीयों को टैक्स हैवन देशों में कंपनियां खोलने में मदद की। इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने आठ महीने तक लगातार जांच के बाद इन भारतीयों के नामों का खुलासा किया है। पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद जानिए क्या रही इन भारतीयों की प्रतिक्रिया:
ऐश्वर्या राय
इस संबंध में ऐश्वर्या राय की मीडिया एडवाइजर अर्चना सदानंद ने कहा, ‘आपके पास जो भी जानकारी है, वह पूरी तरह गलत है। हमें कैसे पता चलेगा कि यह सूचना सही है।
अमिताभ बच्चन
इस संबंध में अमिताभ बच्चन से कई बार पूछा गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। उन्हें ई-मेल भेजे गए, मोबाइल पर कॉल्स भी किए गए, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिली। हालांकि, एबी कॉर्प ने ई-मेल मिलने की पुष्टि जरूर की है।
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समीर गहलोत
समीर गहलोत ने ईमेल के जरिए कहा कि, इंडियाबुल्स की सबसियडरी क्लाइवडेल ओवरसीज लिमिटेड (बहामास) के यूके में निवेश की सारी जानकारी आरबीआई को दी गई है। वहीं कंपनी के एक टॉप अधिकारी अजीत मित्तल ने ईमेल के जरिया बताया कि क्लाइवडेल और इंडियाबुल्स में कोई आर्थिक लेन-देन या आपसी हितों की समानता नहीं हैं।
शिशिर बाजोरिया
पश्चिम बंगाल के कारोबारी और भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया ने बताया कि उनका परिवार प्राइवेट कंपनी के जरिए आईएफजीएल रेफ्रेक्ट्ररीज लिमिटेड में शेयरहोल्डर हैं। साथ ही मेरी पत्नी और मैं सोनिश लिमिटेड में शेयर होल्डर हैं। हेप्टिक बीवीआर्इ लिमिटेड में मेरा कोई मालिकाना हक नहीं है और न ही था। मुझे लगता है कि मेरा इससे कनेक्शन जोड़ना भूलवश हो गया।
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ओंकार कंवर
अपोलो टायर्स के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत में कानूनी रूप से विदेशी निवेश की अनुमति है। कंवर परिवार का अगर कोई भी निवेश विदेश में है तो वह भारतीय कानून के अनुरूप ही है। ज्यादातर परिवार एनआरआर्इ है। उन पर भारतीय कानून और सीमाएं लागू नहीं होती हैं।
हरीश साल्वे
साल्वे ने कहा कि मैंने 2012 में क्रेस्टब्राइट का गठन किया था। मैंने इसका गठन पूरी तरह कानूनी और उजागर किए गए निवेश के तहत किया था। कंपनी के पास न तो कोई संपत्ति है और न ही आय है।
केपी सिंह
केपी सिंह ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए उन्होंने पूरे मसले पर सफाई देते हुए कहा कि आरबीआई के नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। तय सीमा में ही रकम जमा की। आरबीआई नियमों के मुताबिक, भारतीय नागरिक विदेश में खाता खेल सकते हैं। केपी ने आगे कहा, चूंकि शेयर (Liberalised Remittance Scheme) LRS के तहत खरीदे गए थे। ऐसे में फेमा को इसकी जानकारी देना आवश्यक नहीं है। हमारे इन्कम टैक्स रिटर्न विदेशी संपत्ति का ब्योरा हर साल दिया जाता है।
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