पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने सीजफायर को बढ़ाने और इस्तांबुल में अगले हफ्ते एक और शांति वार्ता करने पर सहमति जताई है। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के मकसद से उठाया गया है। यह वार्ता 6 नवंबर को होगी।

अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्षों ने सहमति जताई है कि वे फिर से मिलेंगे और बाकी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस्लामी अमीरात अन्य पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध चाहता है।

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने उम्मीद जताई कि इस बातचीत से ‘सकारात्मक नतीजे’ निकलेंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा कि वह पड़ोसी देश के साथ तनाव नहीं बढ़ाना चाहता। ताहिर अंद्राबी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान मध्यस्थता प्रक्रिया में शामिल रहेगा और छह नवंबर की वार्ता के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद करता है।’’

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इस महीने की शुरुआत में हुए संघर्ष के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर के बाद अगले दौर की बातचीत तय की गई थी। पहले दौर की बातचीत 18 और 19 अक्टूबर को दोहा में हुई थी, उसके बाद 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में दूसरे दौर की बातचीत हुई। यह बातचीत कई दिनों तक चली लेकिन सीमा पार आतंकवाद के प्रमुख मुद्दे पर बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।

तुर्किये ने गतिरोध को समाप्त करने और छह नवंबर को बातचीत का रास्ता तय करने में अहम भूमिका निभाई।

ख्वाजा आसिफ ने क्या कहा?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ‘जियो टीवी’ से कहा कि जब तक काबुल टीटीपी को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक अफगानिस्तान के साथ संबंध कभी सामान्य नहीं हो सकते।

ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में धमकी दी थी कि भविष्य में उनके देश में कोई भी आतंकवादी हमला होने पर वह अफगान तालिबान को खत्म कर देंगे। रक्षा मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान को अपने हथियारों का छोटा सा हिस्सा भी इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वह तालिबान शासन को पूरी तरह मिटा सकता है।

‘हम तालिबान को खत्म कर देंगे…’